Lucknow News: केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त आवासों की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश को लगभग 20 लाख नए आवास मिलने की संभावना है। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में करीब 40 लाख प्रधानमंत्री आवासों की जरूरत बताई गई है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 20 लाख नए मकानों की संभावना राज्य की आवास समस्या को काफी हद तक कम करेगी। इसके अलावा, जलापूर्ति, सीवरेज ट्रीटमेंट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी योजनाएं शहरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगी।
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योजना के चार प्रमुख घटक
- स्वस्थाने स्लम पुनर्विकास योजना
पहला घटक स्वस्थाने स्लम पुनर्विकास योजना के तहत मलिन बस्तियों में रहने वालों के लिए है, जिसमें उन्हें उन्हीं स्थानों पर नए आवास प्रदान किए जाएंगे।
- किफायती आवास
दूसरे घटक के तहत किफायती आवास दिए जाते हैं, जिसमें ऋण सुविधा प्रदान की जाती है और मकान बनने के बाद सब्सिडी का प्रविधान है।
- भागीदारी में किफायती आवास
तीसरे घटक के तहत लाभार्थियों को 2.5 लाख रुपये की सहायता राशि मकान बनाने के लिए दी जाती है।
- भूमि उपलब्धता पर आवास
चौथे घटक में उन लोगों को आवास निर्माण के लिए राशि प्रदान की जाती है, जिनके पास भूमि उपलब्ध होती है।
शहरी विकास को मिला महत्व
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि बजट में शहरों के सुनियोजित विकास को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इससे उत्तर प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। देश के 100 बड़े शहरों के लिए जलापूर्ति, सीवरेज ट्रीटमेंट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी योजनाएं शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। योजना के तहत प्रदेश के कई शहरों को लाभ मिलेगा। शहरों में साप्ताहिक हाट और स्ट्रीट फूड हब बनने से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
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लखनऊ में सस्ते मकानों की वापसी
लखनऊ में पिछले तीन वर्षों से नए मकानों का निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन अब तीन लाख तक की आय वाले परिवारों के लिए राहत की खबर आई है। सरकार ने तीन करोड़ मकानों को मंजूरी दी है। एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) ने राजधानी में दो योजनाओं के तहत करीब साढ़े आठ हजार मकान बनाए हैं। शारदा नगर विस्तार और बसंतकुंज योजना में मकान बनाए गए हैं। बसंतकुंज योजना में अब भी काफी जमीन उपलब्ध है, इसलिए अधिकांश मकान वहीं बनाए जाएंगे।
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सब्सिडी का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले मकानों पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार 1.5 लाख रुपये और राज्य सरकार 1 लाख रुपये की छूट देगी। इस तरह कुल 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। मकानों की कीमत लगभग 6.50 लाख रुपये होगी, जिसमें से 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी घटने के बाद खरीदारों को केवल 4 लाख रुपये देने होंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना का यह विस्तार न केवल बेघर लोगों को छत प्रदान करेगा, बल्कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लखनऊ में सस्ते मकानों की वापसी से तीन लाख तक की आय वाले परिवारों को बहुत लाभ मिलेगा। एलडीए (LDA) की योजनाएं इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि योजना का कार्यान्वयन कितनी प्रभावी ढंग से किया जाता है। अगर योजना सही तरीके से लागू होती है, तो यह न केवल आवासीय समस्या को हल करेगी बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को भी गति देगी।
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