UP News: योगी सरकार का बड़ा फैसला! संपत्ति बंटवारा अब होगा आसान, व्यवस्थापन में मिलेगी सहूलियत

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Yogi Adityanth

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब परिवारों में पीढ़ियों से चली आ रही अचल संपत्ति का आसानी से बंटवारा हो सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संपत्ति विभाजन और व्यवस्थापन के लिए नई व्यवस्था जल्द ही लागू होगी, जिससे जीवित रहते ही अपनी संपत्ति को परिवार के सदस्यों के नाम किया जा सकेगा।

5,000 रुपये स्टाम्प शुल्क की नई व्यवस्था

अब केवल 5,000 रुपये के स्टाम्प शुल्क के साथ अपनी अचल संपत्ति को रक्तसंबंधियों के नाम करना संभव होगा। इससे उत्तर प्रदेश में पारिवारिक विभाजन और व्यवस्थापन में भी बड़ी सुविधा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि एक ही परिवार के सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे और जीवित व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्ति को अपने परिजनों के नाम किए जाने पर देय स्टाम्प शुल्क 5,000 रुपये निर्धारित किया जाए।

विवादों से बचेगा परिवार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिक खर्च के कारण प्रायः परिवार में विभाजन की स्थिति में विवाद और कोर्ट केस होते हैं। न्यूनतम स्टाम्प शुल्क होने से परिवार के बीच सेटलमेंट आसानी से हो सकेगा। इससे न केवल परिवार में शांति बनी रहेगी, बल्कि कानूनी विवादों से भी बचा जा सकेगा। मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा आम आदमी के जीवन को सरल बनाने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। संपत्ति विभाजन और व्यवस्थापन प्रक्रिया में सरलीकरण से लोगों को और सुविधा होगी।

विभाजन विलेख की प्रक्रिया

विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं और विभाजन उनके मध्य होता है। इस छूट का लाभ एक ही मृतक व्यक्ति के सभी लीनियल डीसेंडेंट्स, जो सहस्वामी हों, उठा सकते हैं। अर्थात यदि दादा की मूल संपत्ति में वर्तमान जीवित हिस्सेदार चाचा/भतीजा/भतीजी हैं, तो वे इसका उपयोग कर सकते हैं।

व्यवस्थापन विलेख की प्रक्रिया

व्यवस्थापन विलेख में व्यवस्थापन कर्ता (जीवित व्यक्ति) अपनी व्यापक संपत्ति को कई पक्षकारों के मध्य निस्तारित करता है। इस प्रक्रिया में छूट के अधीन व्यवस्थापन कर्ता अपने समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स, जो किसी भी पीढ़ी के हों, के पक्ष में व्यवस्थापन कर सकता है। अर्थात संपत्ति यदि परदादा-परदादी जीवित हों, तो उनके पक्ष में, और यदि प्रपौत्र-प्रपौत्री जीवित हों, तो उनके पक्ष में भी किया जा सकता है।

राज्य सरकार का प्रयास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस नई व्यवस्था से न केवल संपत्ति विवादों में कमी आएगी, बल्कि परिवारों में संपत्ति का बंटवारा और व्यवस्थापन प्रक्रिया भी सरल होगी। इससे राज्य के नागरिकों को काफी सुविधा होगी और वे आसानी से अपनी संपत्ति का निस्तारण कर सकेंगे। इस नए कदम से योगी सरकार ने राज्य के नागरिकों के जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे लोग बिना किसी विवाद के अपनी संपत्ति का निस्तारण कर सकेंगे।

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