UP News: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के जमुनीपुरवा गांव से एक दुखद मामला सामने आया है, जहां गुटखा खाने की लत एक महिला के लिए भारी साबित हुई। साल 2019 में 28 वर्षीय शिवदेवी की सम्राट से शादी हुई थी. शिवदेवी अपनी के चुपके गुटखा खाती थी.
पति की डांट और महिला का खौफनाक फैसला
बताते चले कि, सम्राट दिल्ली में मजदूरी करता है और इस समय वह अपने गांव आया हुआ था और उसे इस बात का शक था कि उसकी पत्नी गुटखा खाती खा रही है. बीते बुधवार शाम को जब सम्राट ने अपनी पत्नी को गुटखा खाते हुए रंगे हाथ पकड़ा, तो गुस्से में आकर उन्होंने शिवदेवी को डांटा और तलाशी ली। गुटखे का पूरा पैकेट मिलने के बाद सम्राट ने उसे बाहर जाने को कहा। यह डांट शिवदेवी के लिए इतनी बर्दाश्त के बाहर थी कि उसने अपने जीवन का अंत करने का नाटकीय फैसला लिया।
परिवार वालों की कोशिश पर भी नहीं बच सकी जान
शिवदेवी की चीख सुनकर घर में मौजूद भाभी रामादेवी और बड़ी बहन तुरंत कमरे में पहुंचीं। उन्होंने फंदा काटकर उसे नीचे उतारा और तत्काल अस्पताल ले गए। लेकिन अफसोस की बात है कि अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही शिवदेवी की मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पति का बयान और हादसे की गहराई
पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए सम्राट ने बताया कि वह कई बार पत्नी से गुटखा छोड़ने की बात कह चुके थे, क्योंकि यह उसकी सेहत के लिए नुकसानदायक था। परंतु शिवदेवी उनकी बात नहीं मान रही थी। उन्होंने बताया कि गुटखा खाते पकड़े जाने पर गुस्से में डांटना पड़ा, पर उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि यह डांट इतनी बड़ी त्रासदी का कारण बनेगी।
सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना न केवल एक घरेलू विवाद की कहानी है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक दबाव के मुद्दों पर भी गंभीर सवाल उठाती है। गुटखा जैसी छोटी-सी आदत को लेकर हुए तनाव ने एक जीवन को खत्म कर दिया, जो समाज में संवाद और समझ की कमी को दर्शाता है। परिवारों में ऐसे मामलों में सहानुभूति और संवाद की आवश्यकता को बल मिला है।
प्रशासन की कार्रवाई और आगे की जांच
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है। साथ ही इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों की जरूरत को भी माना जा रहा है, ताकि घरेलू तनाव और मानसिक परेशानी से जुड़े मामलों को समय रहते सुलझाया जा सके।
इस दुखद घटना के सामने आने बाद पूरे बांदा जिले में शोक की लहर दौड़ा गई है और यह परिवार, समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि छोटी-छोटी बातों को लेकर जीवन को समाप्त करने जैसे कदम उठाने से पहले संवेदनशीलता और समझ की आवश्यकता होती है।
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