UP News: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकारा, आदेशों की अनदेखी पर जताई नाराजगी

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज

UP News: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर फटकार लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान आदेशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि यूपी सरकार आचार संहिता का हवाला देते हुए क्षमा याचिकाओं पर निर्णय ले रही है, जबकि अदालत के आदेश के अनुसार, छूट याचिका पर निर्णय आचार संहिता से प्रभावित नहीं होता। कोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के कारागार विभाग के प्रमुख सचिव को अदालती आदेशों का पालन न करने पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया था।

Read more: Ghaziabad: बांग्लादेशी बताकर झुग्गीवासियों की पिटाई करने वाले हिन्दू रक्षा दल के अध्यक्ष पर योगी सरकार का कड़ा एक्शन

अधिकारियों के पूछे नाम

अदालत ने मुख्यमंत्री कार्यालय के उन अधिकारियों के नाम भी पूछे हैं, जिन्होंने आदेश का पालन नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों की रिहाई की याचिका पर विचार कर रहा था। इस दौरान, अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब समय से पहले रिहाई का आदेश दिया जाता है, तो उस पर विचार क्यों नहीं किया जा रहा है। यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए वकील राजेश सिंह ने कहा कि सभी फाइलें सक्षम अधिकारी के पास हैं और समय रहते इस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई को मंत्री को फाइल भेजी गई थी, जबकि सीएम को 11 जुलाई और राज्यपाल को 6 अगस्त को फाइल भेजी गई थी।

Read more: India-Bangladesh सीमा पर घुसपैठ की कोशिश, 11 बांग्लादेशी हिरासत में, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट जारी

प्रमुख सचिव को पेश होने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने बीते सप्ताह यूपी के प्रिजन डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव को कोर्ट के आदेशों का पालन न करने पर 12 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय ओका ने की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अदालत के हर आदेश की अवहेलना कैसे कर सकती है। जस्टिस अभय ओका ने खा है कि 14 अगस्त तक एफिडेविट के साथ ऐसे अफसरों के नाम बताए जो कार्य में लापरवाही कर रहे हैं।

Read more: पाकिस्तान के सरेंडर से जुड़ी मूर्तियां तोड़ने पर फूटा Shashi Tharoor का गुस्सा, कहा-‘यह माफी के लायक नहीं…’

बंदी को मुआवजा कौन देगा?

उत्तर प्रदेश सरकार के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर देरी होगी तो बंदी को मुआवजा कौन देगा? इसके जवाब में यूपी सरकार के वकील ने कहा कि 16 अप्रैल को प्रस्ताव मिला था, तब तक मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो गया था। अदालत ने फिर कहा कि छूट आदेश में एमसीसी आड़े नहीं आता, ऐसा पहले ही बताया जा चुका है।

Read more: Kolkata ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस को लेकर देशभर में मचा बवाल, दिल्ली AIIMS सहित कई राज्यों के डॉक्टर्स हड़ताल पर उतरें

आदेशों की अवहेलना पर कड़ी टिप्पणी

अदालत ने कहा कि उतर प्रदेश सरकार के पास कैदियों की रिहाई में देरी करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है। इसलिए यह आदेश दिया जाता है कि निज सचिव बताएं कि किन अधिकारियों ने फाइल लेने से मना कर दिया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि यूपी सरकार के पास कैदियों की रिहाई में देरी करने का कोई ठोस कारण नहीं है। इसलिए यह आवश्यक है कि निज सचिव उन अधिकारियों की पहचान करें जिन्होंने आदेश का पालन नहीं किया।

Read more: Agra News: लखनऊ की इंजीनियरिंग छात्रा से सीनियर छात्र ने किया दुष्कर्म, अर्धनग्न हालत में चलती कार से फेंका

नतीजों का सामना करने की दी चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि आदेशों का पालन नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों को परिणाम भुगतने होंगे। अदालत ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वे अदालत के हर आदेश का पालन करें और कैदियों की रिहाई में कोई देरी न करें। सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार ने यूपी सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को न्यायपालिका के आदेशों का पालन सुनिश्चित करना होगा और कैदियों की रिहाई में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करनी होगी। अदालत ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की अवहेलना न हो।

Read more: Kolkata ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस को लेकर Lucknow में आज रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों की बढ़ेंगी मुश्किलें

Share This Article
Exit mobile version