UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में उपचुनाव के चलते राजनीतिक माहौल गरम है और इसी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बयान “बटेंगे तो कटेंगे” (Batenge toh Katenge) को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में पोस्टरवार की जंग छिड़ी हुई है. इस बयान को लेकर राज्य में जगह-जगह नारे और पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपने-अपने समर्थकों को जोड़ने के लिए इन नारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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सपा कार्यालय के बाहर कांग्रेस और सपा का पोस्टर
बताते चले कि आज लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय के बाहर एक नया पोस्टर लगाया गया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तस्वीर दिखाई दे रही है. कांग्रेस नेता अजीत कुमार मौर्या द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में संदेश दिया गया कि “अगर बंटेंगे तो गैस सिलेंडर 1200 रुपये में मिलेगा और अगर एक रहेंगे तो 400 रुपये में मिलेगा.” यह संदेश आम जनता को यह संकेत देने का प्रयास है कि एकजुटता के साथ जीवन की बुनियादी सुविधाएं किफायती हो सकती हैं.
“गंगा-जमुनी तहजीब” और “पीडीए की होगी जीत” के नारे
वहीं, सपा दफ्तर के बाहर एक अन्य पोस्टर सपा नेता अभिषेक बाजपेई (Abhishek Bajpai) की ओर से लगाया गया, जिसमें “पीडीए की होगी जीत, एकता की होगी जीत” का नारा दिया गया है. इस पोस्टर में सपा ने यह संदेश दिया कि गंगा-जमुना तहजीब और सामाजिक एकता को बांटने या तोड़ने की कोशिश नहीं की जाएगी. यहां तक कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों को एक-दूसरे का हाथ पकड़े दिखाया गया, जिससे यह संदेश दिया गया कि समाज में सभी धर्म और समुदाय मिल-जुल कर रहेंगे और एकता को बनाए रखेंगे.
इंडिया गठबंधन का समर्थन
सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) द्वारा महाराष्ट्र चुनाव में अपने नारे “बटेंगे तो कटेंगे” को दोहराए जाने के बाद विपक्षी पार्टियों ने भी इसके जवाब में अपने पोस्टर लगाए है. इस अभियान में इंडिया गठबंधन भी शामिल हो गया है, जिसमें सपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने समाजवादी पार्टी दफ्तर के अलावा अन्य स्थानों पर भी एकजुटता के समर्थन में पोस्टर लगाए है.
पोस्टरवार के राजनीतिक मायने
उत्तर प्रदेश में इस पोस्टरवार के चलते राजनीतिक माहौल और गरम हो गया है. जहां सीएम योगी आदित्यनाथ “बटेंगे तो कटेंगे” नारे के जरिए अपने समर्थकों को संदेश दे रहे हैं, वहीं विपक्ष इस नारे की काट में “न बटेंगे, न कटेंगे, एक हैं और एक रहेंगे” का संदेश दे रहा है. विपक्ष के ये नारे लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि एकता से ही समाज में शांति और सस्ते संसाधन उपलब्ध हो सकते हैं. विपक्ष की यह रणनीति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बयान के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में देखी जा रही है और आगामी चुनाव में इसे बड़े राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.