UP News: यूपी की राजनीति किस दिशा में मुड़ेगी, इसका अंदाजा लगाना काफी होता है. यहां कब कौन सा नया बखेड़ा खड़ा हो जाए इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. इसी बीच अब एक नया विवाद उस वक्त खड़ा हो गया, जब समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव संसद भवन के समीप स्थित मस्जिद में एक बैठक में शामिल हुईं. इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित अन्य नेता भी मौजूद थे. जैसे ही इस मीटिंग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं, राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया.
बीजेपी ने किया सपा पर हमला

बताते चले कि, तस्वीरों के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. पार्टी नेताओं ने सपा को ‘नमाजवादी पार्टी’ करार दिया और इस धार्मिक स्थल पर राजनीतिक मीटिंग करने को अनुचित बताया. बीजेपी के इस हमले के बीच ही एक नया विवाद तब और बढ़ गया जब ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी और मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने डिंपल यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी.
मौलानाओं की टिप्पणी पर NDA का संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन
मौलानाओं द्वारा डिंपल यादव के पहनावे और मस्जिद में उनकी मौजूदगी को लेकर दिए गए बयान को महिला विरोधी बताते हुए एनडीए के सांसदों ने संसद के बाहर मकर द्वार पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ एक महिला सांसद का नहीं, बल्कि सभी महिलाओं का अपमान है.
अखिलेश की चुप्पी पर उठे सवाल

लोजपा (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने बयान दिया कि महिलाओं की गरिमा को सांप्रदायिकता के आधार पर निशाना बनाना बेहद शर्मनाक है और सभी को इसका विरोध करना चाहिए. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर भी सवाल उठाया कि उन्होंने अपनी पत्नी के समर्थन में कोई बयान क्यों नहीं दिया.
कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने रीजीजू पर बोला हमला
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इस पूरे मामले के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अब रीजीजू यह तय करेंगे कि देशहित में क्या बोलना है? उन्हें पहले खुद और अपनी पार्टी के नेताओं की भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए.
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज का विपक्ष पर तीखा सवाल
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने विपक्ष की चुप्पी पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि डिंपल यादव की अपनी पार्टी भी चुप है. उनके पति अखिलेश यादव ने भी अब तक इस अपमानजनक बयान के खिलाफ कुछ नहीं कहा. उन्होंने विपक्ष से पूछा कि महिलाओं के सम्मान के मुद्दे पर मौन क्यों साधा गया है?
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