UP News: कैसरगंज से भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार (21 जुलाई) को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. यह मुलाकात न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है बल्कि इसे दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक दूरी को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.
महीनों से बंद था संवाद, अब खुला रास्ता
सूत्रों के अनुसार, बृजभूषण शरण सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच कई महीनों से संवाद पूरी तरह से बंद था. यह मुलाकात भाजपा के अंदर पूर्वांचल की सियासी दिशा और समीकरणों को नई धार देने की संभावनाओं को बल देती है।
बृजभूषण शरण सिंह के खेमे में नाराजगी देखी गई
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृजभूषण के सियासी विरोधी और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के घर जाकर उनके पिता राजा आनंद सिंह को श्रद्धांजलि दी थी। वहां मुख्यमंत्री लगभग एक घंटे तक रुके थे। इस मुलाकात को लेकर बृजभूषण के खेमे में नाराज़गी देखी गई थी। इसके बाद से यह माना जा रहा था कि बृजभूषण पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं।
पूर्वांचल की राजनीति में बृजभूषण की अहम भूमिका
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और कैसरगंज जैसे क्षेत्रों में खासा प्रभाव रहा है। यही वजह है कि उन्हें पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। पार्टी के लिए यह क्षेत्र 2027 के विधानसभा चुनावों में अहम साबित हो सकता है, इसलिए बृजभूषण की नाराज़गी दूर करना भाजपा नेतृत्व के लिए भी ज़रूरी हो गया था।
संवाद बहाली की कोशिशों का नतीजा है आज की मुलाकात
बताया जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह पिछले कई महीनों से मुख्यमंत्री योगी से दोबारा संवाद स्थापित करने के प्रयास में लगे हुए थे। आज की मुलाकात को उन्हीं कोशिशों का परिणाम माना जा रहा है। भाजपा के भीतर इसे एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है जो आने वाले समय में बृजभूषण को फिर से सक्रिय भूमिका में ला सकता है।
विवादों से भी जुड़ा रहा है राजनीतिक करियर
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, बृजभूषण शरण सिंह का राजनीतिक सफर हमेशा विवादों से घिरा रहा है। वर्ष 2023 में महिला पहलवानों ने उन पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके चलते दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। हालांकि, बाद में कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था। इन विवादों के बावजूद उनका क्षेत्रीय प्रभाव आज भी कायम है।
2027 के चुनाव से पहले भाजपा की रणनीति में बदलाव संभव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात 2027 के विधानसभा चुनावों के लिहाज से बेहद अहम हो सकती है। पूर्वांचल में भाजपा को मजबूत बनाए रखने के लिए पार्टी को फिर से बृजभूषण जैसे क्षेत्रीय प्रभावशाली नेताओं की जरूरत महसूस हो रही है। इस लिहाज से सीएम योगी और बृजभूषण के बीच यह मुलाकात पार्टी की रणनीतिक दिशा में बदलाव का संकेत भी हो सकती है।