UP: संदिग्ध हालात में मिला महिला डॉक्टर का शव, दो साल पहले किया प्रेम विवाह.. अचानक मौत पर खड़े हो रहे सवाल

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
प्रतीकात्मक इमेज

Ambedkar Nagar News: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत मामले में अभी उस पीड़िता और उसके परिवार को इंसाफ भी नहीं मिल सका कि यूपी के एक जिले से एक और दिल दहला देने वाली वारदात सामने आयी है। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में सीएचसी बसखारी परिसर में एक निजी महिला चिकित्सक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। महिला चिकित्सक, सुधा स्वाति सिंह, अपने पति, डॉ. प्रशांत सिंह, के साथ सरकारी आवास में रहती थीं। पति के अनुसार, सुधा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की, लेकिन परिजनों ने इसे दहेज हत्या का मामला बताया है।

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पुलिस की कार्रवाई

मंगलवार रात को, डॉ. प्रशांत सिंह ने स्थानीय लोगों को सूचित किया कि उनकी पत्नी सुधा ने फांसी लगा ली है। इस खबर से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। प्रशांत के अनुसार, उन्होंने और अन्य लोगों ने भी सुधा को पंखे से लटकते हुए देखा और उसे बेसुध हालत में नीचे उतारा। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बुधवार सुबह, महिला डॉक्टर का शव सरकारी आवास में मिलने के बाद पुलिस ने आवास को सील कर दिया। सीओ सिटी देवेंद्र मौर्य और बसखारी पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर फॉरेंसिक जांच की और साक्ष्य एकत्र किए। सुधा के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

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मायके पक्ष ने लगाए आरोप

इस बीच, सुधा के मायके पक्ष के लोग भी बिहार से आ पहुंचे और पति व अन्य परिजनों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दो साल पहले शादी के बाद से ही सुधा को प्रताड़ित किया जा रहा था और दहेज के लिए उसकी हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी पति और परिजनों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

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प्रशांत के बयान पर उठ रहे सवाल

डॉ. प्रशांत सिंह ने बिहार के आरा की रहने वाली सुधा स्वाति सिंह से प्रेम विवाह किया था। प्रशांत के पिता, डॉ. बीएन सिंह, मेजर टांडा सीएचसी के प्रभारी रह चुके हैं। उन्होंने अलीगंज में आवास बना रखा है। सुधा ने एमडीएस की डिग्री ली थी और बसखारी नगर में निजी प्रैक्टिस करती थीं। दोनों के कोई संतान नहीं थी। प्रशांत के अनुसार, वह और उनकी पत्नी एक ही कमरे में सो रहे थे। सुधा ने उसी कमरे में पंखे से फांसी लगाई। प्रशांत का कहना है कि स्टूल गिरने की आवाज से वे जागे और बचाने की कोशिश की।

लेकिन स्थानीय लोगों का सवाल है कि अगर दोनों एक ही कमरे में थे, तो प्रशांत फांसी लगाने जैसी घटना कैसे नहीं जान पाए? यह बात वाकई में एक सवाल खड़ा करती है। अगर वह उसी कमरे में थे तो उन्हें अपनी पत्नी की गतिविधियों के बारे आखिर कैसे पता नहीं चला। और स्टूल से बेड की दूरी भी इतनी नहीं है कि सुधा को बचाया न जा सका हो। ये सभी सवालों से प्रशांत के ऊपर शक का घेरा और भी बढ़ जाता है।

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संदिग्ध परिस्थिति में मिला शव

प्रशांत ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उनकी पत्नी बेड पर सो रही थीं जबकि वे जमीन पर लेटे हुए थे। स्थानीय लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि बगल में ही बसखारी थाना स्थित होने के बावजूद पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया गया। सुधा के मायके पक्ष ने पुलिस अधीक्षक आवास पर फोन किया, जिसके बाद बुधवार भोर में बसखारी पुलिस मौके पर पहुंची। सुधा स्वाति सिंह की मौत के पीछे की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही सामने आ ही आएगा, लेकिन इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पति के बयान और परिस्थितियों के बीच का अंतर स्पष्ट है और पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

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