UP Bypoll Election 2024: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें उपचुनाव की रणनीति और उम्मीदवारों के नामों पर गहन विचार-विमर्श किया गया. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे.
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तीन-तीन उम्मीदवारों के पैनल पर मंथन
बैठक में सभी 10 सीटों के लिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए तीन-तीन उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया गया. बीजेपी ने हर सीट के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाई है, जिसे जल्द ही केंद्रीय चुनाव समिति (Central Election Committee) को भेजा जाएगा. इस सूची में उन नामों पर मंथन किया गया है, जिनका पार्टी के लिए जीत की संभावना अधिक हो. बैठक में यह भी तय किया गया कि हर सीट पर मजबूत उम्मीदवार उतारे जाएंगे ताकि बीजेपी अधिकतम सीटों पर जीत दर्ज कर सके.
सीएम योगी ने संभाली चुनाव अभियान की कमान
बीजेपी ने इन उपचुनावों को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) खुद चुनाव अभियान की कमान संभाल चुके हैं और उपचुनाव वाली सभी सीटों का दौरा भी कर चुके हैं. योगी सरकार का उद्देश्य इन उपचुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर यह संदेश देना है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का जनाधार मजबूत है और सरकार की नीतियों से जनता संतुष्ट है. मुख्यमंत्री योगी ने विशेष रूप से मिल्कीपुर (Milkipur) और कटेहरी सीटों की जिम्मेदारी खुद संभाली है और इन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का नेतृत्व कर रहे हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी की पूरी ताकत इन उपचुनावों में झोंक दी गई है ताकि यह साबित हो सके कि राज्य में सब कुछ बीजेपी के नियंत्रण में है और जनता का समर्थन उसे प्राप्त है.
सीटों का समीकरण
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 10 विधानसभा सीटों – करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर – पर उपचुनाव होना है. इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) के पास थीं, तीन बीजेपी के पास और एक-एक सीट रालोद और निषाद पार्टी के पास थी. बीजेपी की रणनीति है कि वह न केवल अपनी सीटों को बरकरार रखे, बल्कि सपा और अन्य दलों से भी सीटें छीनने का प्रयास करे.
सपा और अन्य दल भी चुनावी तैयारियों में जुटे
उपचुनाव की तारीखों की घोषणा अभी चुनाव आयोग (Election Commission) ने नहीं की है, लेकिन संभावना है कि नवंबर में चुनाव होंगे. इसको ध्यान में रखते हुए न केवल बीजेपी, बल्कि समाजवादी पार्टी (SP) और अन्य दल भी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. सपा ने भी अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है और चुनावी रणनीति पर काम कर रही है. यूपी के उपचुनाव बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इन चुनावों की कमान संभाल रहे हैं, जिससे साफ है कि बीजेपी उपचुनावों को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. अब देखना होगा कि आने वाले समय में किस पार्टी को जनता का समर्थन मिलता है और कौन सी पार्टी ज्यादा सीटें जीतकर अपनी स्थिति को मजबूत कर पाती है.
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