UP By Election: मीरापुर उपचुनाव में राजनीतिक दलों की जातीय गणित…बसपा ने खेला मुस्लिम कार्ड

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

UP By Election: यूपी में उपचुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरु कर दी है. मुजफ्फरनगर की मीरापुर (Meerapur) विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिए रणनीति बनाई है. पार्टी ने मीरापुर विधानसभा प्रभारी शाहनजर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. शाहनजर का नाम सामने आने के बाद राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ गई है. समाजवादी पार्टी (SP) पहले ही इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी की घोषणा कर चुकी है. अब राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रत्याशी पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. इससे उपचुनाव की तस्वीर और साफ होगी.

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राजनीतिक दलों की चुनावी रणनीति

राजनीतिक दलों की चुनावी रणनीति

आपको बता दे कि मीरापुर विधानसभा उपचुनाव (Meerapur Bypoll) को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं. सपा ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहु सुम्बुल राणा पर दांव लगाया है. सभी दल जातीय गणित को ध्यान में रखकर इस सीट पर प्रत्याशियों का चयन कर रहे हैं. रविवार को मुजफ्फरनगर में बसपा के उत्तर प्रदेश पश्चिम प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने शाहनजर को प्रत्याशी घोषित किया और उन्हें चुनाव चिह्न जारी किया.

बसपा का मुस्लिम कार्ड

बसपा के उत्तर प्रदेश पश्चिम प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने शाहनजर को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है. इस प्रकार, बसपा ने भी मुस्लिम कार्ड खेलकर अन्य दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. इस सीट पर बसपा के कई दावेदार थे, लेकिन शाहनजर के चयन ने स्थिति को नया मोड़ दिया है. अब रालोद के प्रत्याशी की घोषणा के बाद उपचुनाव की दिशा और साफ होगी.

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मीरापुर सीट का राजनीतिक इतिहास

मीरापुर सीट का राजनीतिक इतिहास

मीरापुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास बताता है कि यहां के मतदाता किसी एक दल के साथ लंबे समय तक नहीं रहते. इसी कारण, कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और सपा से यहां के विधायक बन चुके हैं. मीरापुर सीट का भू-भाग भी काफी विस्तृत और विविधतापूर्ण है, जिसमें महाभारत कालीन तीर्थनगरी शुकतीर्थ भी शामिल है. इस क्षेत्र में हैदरपुर वेटलैंड समेत वन्य अभ्यारण का सबसे अधिक क्षेत्र है.

ऐतिहासिक बदलाव और परिसीमन

आपको बता दे कि मीरापुर विधानसभा क्षेत्र की एकमात्र सहकारी चीनी मिल मोरना इसी क्षेत्र में स्थित है. परिसीमन के कारण इस सीट का भूगोल दो बार बदला गया है. आजादी के बाद 1952 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट का नाम मुजफ्फरनगर पूर्वी जानसठ उत्तरी था. फिर, 1967 में इसका नाम मोरना विधानसभा रखा गया. अंततः, 2012 में परिसीमन के तहत मीरापुर सीट का गठन हुआ. इस सीट में जानसठ और मारना ब्लॉक शामिल हैं.

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मतदाताओं की विविधता

मतदाताओं की विविधता

मीरापुर (Meerapur) की राजनीतिक परंपरा इस बात का उदाहरण है कि यहां के मतदाता विभिन्न राजनीतिक दलों और जातियों के प्रत्याशियों को विधायक सभा में भेजते रहे हैं. इस क्षेत्र में मतदाता अपनी सोच और आवश्यकताओं के अनुसार दलों का चयन करते हैं, जो आगामी उपचुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. राजनीतिक दलों को इस विविधता को ध्यान में रखकर अपनी रणनीतियां तैयार करनी होंगी.

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