Ajit Prasad Ticket Final Milkipur: समाजवादी पार्टी (सपा) ने फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद (Ajit Prasad) को मिल्कीपुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाने का लगभग फैसला कर लिया है. हालांकि, उनके नाम की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन पार्टी की ओर से यह संकेत मिल रहे हैं कि अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से टिकट दिया जाएगा. इस संदर्भ में पार्टी ने सभी दावेदारों को एक मंच पर बुलाकर सम्मानित किया, जिससे यह साफ हो गया कि सपा ने अजीत प्रसाद पर भरोसा जताया है.
मिल्कीपुर विधानसभा बैठक में प्रत्याशी चयन की सहमति
बताते चले कि मिल्कीपुर विधानसभा में आयोजित बैठक में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए. इस बैठक में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अजीत प्रसाद (Ajit Prasad) के नाम पर सभी की सहमति ली. बैठक के दौरान सभी को एकजुट होकर चुनाव लड़ने की हिदायत दी गई. पार्टी ने इस उपचुनाव के लिए अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है, हालांकि अभी यूपी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है.
उपचुनाव में सपा की रणनीति
सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लखनऊ में अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर होने वाले उपचुनाव पर चर्चा के लिए एक अहम बैठक आयोजित की. सपा के लिए इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि मिल्कीपुर और कटेहरी से सपा विधायक अवधेश प्रसाद और लालजी वर्मा सांसद चुने गए हैं. ऐसे में पार्टी इन सीटों को फिर से अपने कब्जे में रखना चाहती है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी इन सीटों के लिए पूरी तैयारी कर रही है, और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रचार अभियान की निगरानी कर रहे हैं.
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फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा की बड़ी जीत
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद की सीट पर भाजपा के दो बार के सांसद लल्लू सिंह को हराकर सुर्खियां बटोरी थीं. फैजाबाद में मिली यह जीत सपा के लिए बड़ी उपलब्धि थी और इसे यूपी में सपा के लिए संजीवनी के रूप में देखा गया. लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने छह सीटें जीती थीं. वहीं, भाजपा ने 33 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उसकी सहयोगी पार्टियों आरएलडी और अपना दल (एस) को तीन सीटें मिलीं.
उपचुनाव की तैयारियों में जुटी सपा
सपा अब इन दोनों उपचुनावों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अभी से तैयारियों में जुटी हुई है. पार्टी का लक्ष्य इन सीटों पर पुनः विजय प्राप्त करना है, ताकि प्रदेश में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके. दूसरी ओर, भाजपा भी अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रही है, जिससे आगामी उपचुनाव बेहद रोचक और महत्वपूर्ण बन गए हैं.