UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में आज एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh khanna) ने सदन में शायरी सुनाकर सभी को चौंका दिया। सपा विधायक के सवाल का जवाब देते हुए खन्ना ने अचानक शायरी पढ़ी, जिससे पूरा सदन हंसी के ठहाकों से गूंज उठा। इस मजेदार घटना के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी हंस पड़े और उन्होंने खुद ही खन्ना को शायरी सुनाने का इशारा किया था।
सुरेश खन्ना की शायरी और सदन का खुशनुमा माहौल
सदन में सुरेश खन्ना और सपा विधायक के बीच हंसी-मजाक चल रहा था। खन्ना ने मजाकिया अंदाज में कहा कि सपा विधायक के बाल इसी सदन में सफेद हुए हैं क्योंकि वे लंबे समय से विधानसभा में हैं। खन्ना ने यह भी कहा कि जो बाल काले दिख रहे हैं, वे केमिकल के कारण हैं। इस पर सपा विधायक ने कहा कि खन्ना जी उनका बहुत ख्याल रखते हैं और वे उनके दिल में हैं। जवाब में सुरेश खन्ना ने कहा कि वे विधायक को होली पर शाहजहांपुर आमंत्रित करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने शायरी पढ़ी, जिसमें उन्होंने कहा, “मुफ़्त में शेर सुनाने का मैं नहीं कायल, एक कप चाय पिलाओ तो गज़ल अर्ज़ करूं।” इस शायरी पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा और माहौल खुशनुमा हो गया।
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उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का बयान
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर समग्र विकास के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हम अनुपूरक बजट लाएंगे और राज्य के विकास को गति देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।” वहीं विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के चार नए मंत्रियों – ओपी राजभर, अनिल कुमार, दारा सिंह चौहान और सुनील शर्मा – का सदन में परिचय कराया। इस दौरान, समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने बिजली, बाढ़ और कानून व्यवस्था को लेकर सदन में विरोध प्रदर्शन किया।
शिवपाल यादव का हमला
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने यूपी के डिप्टी सीएम केपी मौर्य पर हमला करते हुए कहा कि वे बड़बोले मंत्री हैं जिनके पास कोई काम नहीं है और वे सिर्फ लखनऊ और दिल्ली के बीच घूमते रहते हैं। इस बयान के बाद विधानसभा की कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यूपी विधानसभा में आज का दिन शायरी और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच मिश्रित रहा। सुरेश खन्ना की शायरी ने सदन का माहौल खुशनुमा बना दिया, जबकि राजनीति के गंभीर मुद्दों पर भी तीखी बहस देखने को मिली। सदन का यह हंगामेदार दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति की जीवंत तस्वीर पेश करता है।