UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने उन राज्यकर्मियों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिन्होंने अब तक अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर जमा नहीं किया है। सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जो कर्मचारी 30 सितंबर तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनकी अक्टूबर महीने की सैलरी रोकी जा सकती है। सरकार की इस कड़ी चेतावनी के बावजूद, सोमवार तक करीब 52 हजार राज्यकर्मी अपनी संपत्ति का विवरण देने में असफल रहे हैं।
किन विभागों में अभी तक विवरण अधूरा?
अधिकारियों और कर्मचारियों के विवरण में सबसे बड़ी चूक विद्युत विभाग में देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के 7572 कर्मचारी अब तक अपनी संपत्ति का विवरण जमा नहीं कर पाए हैं। इसके अलावा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 1674, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के 3033 और कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (KESCO) के 45 कर्मचारी भी अब तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं। यूपीपीसीएल मुख्यालय के 170 कर्मचारी भी इसी सूची में शामिल हैं।
सरकार ने दिया आखिरी मौका
सरकार ने पहले भी अगस्त महीने में इसी संदर्भ में चेतावनी जारी की थी, जिसके बाद लगभग 74% कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कर दिया था। लेकिन इस बार सरकार ने इसे अंतिम चेतावनी के रूप में पेश किया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने साफ निर्देश दिए हैं कि जो कर्मचारी इस बार भी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उन्हें अगले महीने से वेतन नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद प्रथम और द्वितीय श्रेणी के 7,397 अधिकारी और तृतीय श्रेणी के 33 हजार से ज्यादा बाबू अपनी संपत्ति का विवरण जमा करने में टाल-मटोल कर रहे हैं।
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पुलिसकर्मियों में सुधार, बाकी विभागों की स्थिति गंभीर
राज्य पुलिसकर्मियों ने इस प्रक्रिया में बेहतर प्रदर्शन किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 3.17 लाख पुलिसकर्मियों में से 3.15 लाख ने अपनी संपत्ति का ब्योरा पहले ही जमा कर दिया है। वहीं, चतुर्थ श्रेणी के लगभग 10 हजार अनुसेवक, चालक, माली, सफाईकर्मी आदि अब भी संपत्ति का विवरण जमा करने से पीछे हैं।
राज्यकर्मियों पर सख्ती की जरूरत क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक होने से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है। संपत्ति विवरण जमा न करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार का पता लगाया जा सके। इससे पहले भी सरकार कई बार निर्देश जारी कर चुकी है, लेकिन इस बार की चेतावनी सबसे कड़ी है, जिसमें वेतन रोकने की सख्त कार्रवाई का इशारा दिया गया है।
वेतन रोकने की चेतावनी का असर
वेतन रोकने की सरकार की इस चेतावनी का असर साफ दिख रहा है। कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि वेतन रोकने से उनके आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ेगा। कई कर्मचारी इस आखिरी चेतावनी के बाद जल्द ही संपत्ति विवरण जमा करने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
समय रहते उठाए कदम, तो बच सकती है सैलरी
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार कोई ढील नहीं दी जाएगी। ऐसे में कर्मचारियों के पास 30 सितंबर तक का ही समय है कि वे अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कर दें, ताकि उनकी सैलरी रोकी न जाए। अब देखना होगा कि क्या बाकी बचे कर्मचारी समय रहते अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कर पाते हैं या फिर उन्हें वेतन न मिलने की स्थिति का सामना करना पड़ेगा।