UNSC Emergency Meeting: अमेरिका के ईरान पर किए गए हवाई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के दौरान रूस,चीन और पाकिस्तान ने एक साझा मसौदा प्रस्ताव पेश कर अपनी मांग रखी है।अमेरिका के ईरान पर किए गए हवाई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को एक आपात बैठक की। बैठक के दौरान रूस, चीन और पाकिस्तान ने एक साझा मसौदा प्रस्ताव पेश किया,जिसमें पश्चिम एशिया में तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की गई।
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ईरान के राजदूत ने अमेरिका पर लगाया आरोप
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने अमेरिका पर NPT (परमाणु अप्रसार संधि) का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।वहीं अमेरिका की कार्यवाहक प्रतिनिधि ने कहा कि,ईरान ने बातचीत की प्रक्रिया को लगातार बाधित किया है और वह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन गया है। इजराइल के स्थायी प्रतिनिधि ने भी ईरान पर आरोप लगाते हुए कहा,वह कूटनीति का दिखावा कर रहा है,जबकि वह मिसाइल निर्माण और यूरेनियम संवर्धन जैसे कार्यों में लगा हुआ है।साथ ही रूस के प्रतिनिधि ने अमेरिका की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा,अमेरिका का यह हमला वैश्विक नियमों के खिलाफ है।
UNSC की बैठक में सदस्य देशों के बीच मतभेद

UNSC की बैठक के दौरान सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के बीच गहरे मतभेद देखने को मिले,जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की राह और कठिन होती दिख रही है।आपको बता दें कि,संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों को देखते हुए रविवार देर रात एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी।ईरान के स्थायी प्रतिनिधि आमिर सईद इरवानी ने यह बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। उन्होंने अमेरिकी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का ‘गंभीर उल्लंघन’ बताया है।
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UN महासचिव गुटेरेस ने हालातों पर जताई चिंता
UNSC की यह बैठक 22 जून 2025 को न्यूयॉर्क के समयानुसार दोपहर 3 बजे और भारतीय समयानुसार रात 12:30 बजे आयोजित की गई।वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हालिया सैन्य हमले पर इससे पहले गहरी चिंता व्यक्त की थी।उन्होंने इसे एक संकटग्रस्त क्षेत्र के लिए और अधिक खतरा बढ़ाने वाला कदम बताया है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए लिखा कि,मैं आज ईरान के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए बल प्रयोग से बहुत चिंतित हूं।यह पहले से ही संकटग्रस्त क्षेत्र के लिए और भी खतरा बढ़ाने वाला है और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक सीधा खतरा है।उन्होंने सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि,वे तनाव को और न बढ़ाएं और संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अपने दायित्वों का पालन करें।