Electoral Bond: केंद्रीय मंत्री और नागपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार नितिन गडकरी का चुनावी बॉन्ड को लेकर पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.जिसमें उन्होंने बताया कि,मोदी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड को अच्छी नियत से लेकर आई थी.इसके पीछे का उद्देश्य था कि,राजनीतिक दलों को सीधे पैसे मिले लेकिन देने वालों के नाम का खुलासा नहीं किया जाता है क्योंकि इससे सत्ता में रहने वाली पार्टी बदलती है तो समस्याएं उत्पन्न होती हैं.नितिन गडकरी ने आगे कहा कि,राजनीतिक दलों को अपना कामकाज चलाने के लिए पैसे की जरुरत होती है।
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नितिन गडकरी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर दी प्रतिक्रिया
नितिन गडकरी ने आगे बताया कि,जब अरुण जेटली वित्त मंत्री थे,मैं चुनावी बॉन्ड के संबंध का हिस्सा था.कोई भी पार्टी संसाधनों के बिना जीवित नहीं रह सकती.कुछ देशों में,सरकारें राजनीतिक दलों को धन देती हैं…भारत में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है,इस तरह, हमने राजनीतिक दलों के वित्तपोषण की इस प्रणाली को चुना।
पारदर्शिता लाने के लिए लाए चुनावी बॉन्ड-नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने चुनावी बॉन्ड को लेकर आगे कहा कि,आपको जमीनी हकीकत देखने की जरूरत है.पार्टियों को चुनाव कैसे लड़ना चाहिए?हम पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बॉन्ड की इस प्रणाली को लाए….जब हम चुनावी बॉन्ड लाए तो हमारा इरादा अच्छा था, अगर सुप्रीम कोर्ट को इसमें कोई कमी मिलती है और वो हमसे इसे सुधारने के लिए कहता तो सभी दल एक साथ बैठेंगे और सर्वसम्मति से इस पर विचार-विमर्श करेंगे।
सभी दलों को साथ में करनी चाहिए चर्चा-केंद्रीय मंत्री
नितिन गडकरी ने कहा,आप जमीनी हकीकत देखिए आखिर कोई पार्टी कैसे चुनाव लड़ेगी,चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए हम इलेक्टोरल बॉन्ड सिस्टम लेकर आए थे.इसको लेकर हमारी नियत ठीक थी अगर सुप्रीमकोर्ट को कोई गलती दिखती है और इसमें सुधार के लिए कहता है तो सभी दलों को साथ में बैठकर चर्चा करनी चाहिए…..बिना फंड के कोई पार्टी सक्रिय नहीं रह सकती है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एसबीआई को फटकार के बाद एसबीआई ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सौंप दिया है.चुनाव आयोग की ओर से अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया है।
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