Black flag to Dharmendra Pradhan: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम से पहले गुरुवार को छात्रों और आइसा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन किया। जैसे ही उन्हें प्रधान के आगमन की सूचना मिली, उन्होंने विरोध की तैयारी शुरू कर दी। आपको बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा 18 जून 2024 को आयोजित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) जून 2024 को सामने आई अनियमितताओं के चलते रद्द कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी घोषणा की। 18 जून को हुई UGC-NET की परीक्षा को गृह मंत्रालय से पेपर लीक होने की सूचना मिलने के बाद रद्द कर दिया गया।
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नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर नाराजगी
छात्रों का कहना है कि नीट यूजी और यूजीसी नेट (NEET UG and UGC NET) परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के लिए धर्मेंद्र प्रधान जिम्मेदार हैं। आइसा कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रधान को डीयू में आमंत्रित करना लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। उनका दावा है कि विरोध प्रदर्शन के कारण प्रधान ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।
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एनटीए के खिलाफ नाराजगी
छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय की एजेंसी एनटीए (NTA) को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने एनटीए की साख को पूरी तरह से खत्म कर दिया है और अब इसे समाप्त कर देना चाहिए। छात्रों ने प्रधान से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि नीट यूजी परीक्षा को फिर से आयोजित किया जाए। चार जून को जारी नीट यूजी के परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के बाद से छात्र लगातार परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। 18 जून को आयोजित यूजीसी नेट परीक्षा भी गड़बड़ी के कारण रद्द कर दी गई थी, जिसकी जांच सीबीआई (CBI) को सौंपी गई है।
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धर्मेंद्र प्रधान का बयान
धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने एक इंटरव्यू में कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी उनकी गलती थी और उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि एनटीए एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्था है, लेकिन गैर-जिम्मेदार नहीं हो सकती। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।\
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NSUI का विरोध प्रदर्शन
एनएसयूआई (NSUI) यानी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ का कहना है कि उससे जुड़े छात्र इस विषय पर 180 से अधिक विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन करे रहे हैं। छात्र संगठनों ने परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर भी तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि नीट परीक्षा प्रक्रिया में कई अनियमितताओं और कदाचार के उदाहरण सामने आए हैं। उन्होने निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा आयोजित करने में एनटीए की अखंडता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। चौधरी ने नीट में घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रहने पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस्तीफा देना चाहिए।