Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में लगातार 8वीं बार बजट पेश किया जिसमें उन्होंने देश के मध्यम वर्गीय को बड़ी राहत देते हुए विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए अगले 5 सालों तक सरकार का किन-किन चीजों पर फोकस रहेगा इसकी विस्तृत जानकारी दी।वहीं निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आम बजट 2025 पर अब विपक्षी नेताओं की भी प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई है विपक्ष के कई नेताओं ने बजट को किसान विरोधी बताया है।
आम बजट 2025 पर विपक्ष की प्रतिक्रिया

शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने बजट को चुनाव केंद्रित बताते हुए कहा, जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, उनके नाम सबसे ज्यादा लिए गए, बिहार फिर असम का नाम लिया।पंजाब का नाम भी नहीं लिया जहां किसान एमएसपी की गारंटी के लिए धरने पर बैठे हैं…किसानों की लड़ाई को बिल्कुल भी नहीं सुना गया इसलिए मुझे दुख है।
कांग्रेस सांसद ने किसान विरोधी बजट बताया

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,हमारे किसानों को एमएसपी नहीं दिया गया जो वो चाहते थे।वे परमाणु ऊर्जा की बात करते थे लेकिन हमारे हरियाणा में परमाणु संयंत्र है उस पर कुछ नहीं हो रहा है।कई मुद्दे हैं,गरीबों के लिए आवास, मनरेगा पर कोई बात नहीं हुई।अभी बिहार और दिल्ली में चुनाव हैं तो उसी के लिए यह है, किसी और को कुछ नहीं दिया गया।हरियाणा को कुछ नहीं दिया गया।
प्रियंका चतुर्वेदी ने मध्यम वर्ग की जीत बताया

शिवसेना(यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय बजट 2025 पर कहा,मैं कहूंगी कि यह मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी जीत है जो 240 सीटें पर आने की जीत है।पिछले 10 सालों से मध्यम वर्ग की मांग रही है हम अपनी सैलरी से ज्यादा टैक्स देते हैं।आज आखिरकार उनकी मांगें सुनी गई हैं इसलिए मैं इसका स्वागत करती हूं।बिहार के लोग सोच रहे होंगे अगर बिहार में हर साल चुनाव होते तो बेहतर होता।बिहार में चुनाव आ रहे हैं, यह दो तरह से पता चलता है जब ध्रुवीकरण शुरू होता है और जब आम आदमी के लिए बजट घोषित होता है।
मनीष तिवारी ने बिहार सरकार का बजट करार दिया

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने आम बजट पर कहा,बिहार में चुनाव है इसलिए सपना बेचने का काम जरूर हो रहा है लेकिन आज किसानों,मजदूरों, गरीबों, छात्रों की जो हालत है, जो महंगाई के मार से पीस रहे हैं उनके लिए तो कुछ नहीं है।इस बजट से कुछ नहीं होने वाला है।कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा,मैं समझ नहीं पा रहा हूं ये भारत सरकार का बजट है या बिहार सरकार का।वित्त मंत्री के पूरे बजट भाषण में क्या बिहार के अलावा किसी और राज्य का नाम सुना?जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए।यह दुखद है जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है।