UPS Vs NPS Vs OPS:केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), को मंजूरी दे दी है, जिसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह स्कीम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए होगी, और राज्य सरकारें भी इसे अपने यहां लागू करने का विकल्प रखती हैं। कैबिनेट की बैठक में इस स्कीम को लेकर लिए गए फैसले से सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है। विभिन्न सरकारी कर्मचारी यूनियनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा और फोरम ऑफ एमसीडी इंजीनियर्स के प्रेजिडेंट नरेश शर्मा ने कहा है कि यह नई स्कीम पुरानी पेंशन स्कीम से भी बेहतर है और कर्मचारियों के हित में है।
वहीं हिमाचल प्रदेश (2023), राजस्थान (2022), छत्तीसगढ़ (2022) और पंजाब (2022) में पुरानी पेंशन को लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने जम्मू -कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा पॉलिटिकल दांव खेला है।
जानें किन्हें मिलेगा UPS का फायदा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार के कर्मचारियों को यह फैसला लेने का अधिकार होगा कि वो एनपीएस में बने रहेंगे या यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल होंगे।वहीं, कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा, ‘ये स्कीम उन सभी पर लागू होगी, जो 2004 के बाद से NPS के तहत रिटायर हो गए हैं। ‘बता दें कि यूपीएस 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। वहीं, 2004 से लेकर 31 मार्च, 2025 तक NPS के तहत रिटायर हुए सभी कर्मचारी यूपीएस के पांचों लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि 99 फीसदी से ज्यादा मामलों में UPS में जाना बेहतर रहेग। मुझे नहीं लगता है कोई भी एनपीएस में नहीं रहना चाहेगा।
UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम)
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में कर्मचारी पर पेंशन का बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसमें तय पेंशन का प्रावधान है। रिटायरमेंट के बाद 12 महीने की औसत बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यदि कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो पेंशन का 60% हिस्सा मृत कर्मचारी के जीवनसाथी को मिलेगा। कम सेवा अवधि वाले कर्मचारियों के लिए 10,000 रुपये महीने की न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है। रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त पेमेंट भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त, 6 महीने की सेवा के लिए रिटायरमेंट की तारीख पर मासिक वेतन (PAY+DA) का 1/10वां हिस्सा मिलेगा।
OPS (पुरानी पेंशन स्कीम)
- इसमें जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) का प्रावधान है।
- रिटायरमेंट के टाइम कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के तौर पर मिलती है।
- कर्मचारी को 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है।
- रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद भी उनके परिजन को पेंशन मिलती है।
- पेंशन के लिए कर्मचारी की सैलरी से कोई पैसा नहीं कटता।
- इसमें 6 माह की अवधि के बाद DA मिलने का प्रावधान है।
NPS (नई पेंशन स्कीम)
- इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 10% कटता है।
- ये स्कीम शेयर मार्केट पर आधारित है, इसलिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है।
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए NPS का 40% फंड इन्वेस्ट करना पड़ता है।
- रिटायरमेंट के बाद तय पेंशन की गारंटी नहीं।
- 6 माह बाद मिलने वाले DA का प्रावधान नहीं।