उ.प्र. रेरा ने आवंटी को 6 वर्ष बाद विलम्ब का ब्याज सहित भूखंड का कब्जा दिलाना सुनिश्चित कराया

Sharad Chaurasia
By Sharad Chaurasia
  • उ.प्र. भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण

लखनऊ संवाददाता- औवैस

LUcknow: उ0प्र0 रेरा कन्सिलीएशन फोरम ने प्रोमोटर ‘मेसर्स सनसिटी हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.’ की गाज़ियाबाद स्थित ‘रॉयल कैसल’ परियोजना के एक आवंटी “राम कुमार बंसल” को उनके 2 भूखंडों का कब्जा, विलम्ब अवधि के ब्याज के साथ, दिलाना सुनिश्चित कराया। दोनों पक्षों के मध्य आपसी सहमति से हुए समझौते के अनुसार प्रोमोटर द्वारा आवंटी को लगभग रुपये 22 लाख विलम्ब अवधि का ब्याज मिलेगा जो भूखंड का कब्जा प्राप्ति के समय अंतिम मांग में समायोजित किया जाएगा तथा अगले 2 वर्ष में एग्रीमेन्ट में लिखित सुविधाओं सहित भूखंड पर कब्जा देना सुनिश्चित करेगा। समायोजन के अतिरिक्त शेष बकाया राशि का भुगतान आवंटी द्वारा कब्जा प्राप्ति के पूर्व किया जाएगा।

25 लाख भूखंडो की हुई बुकिंग

आवंटी के अनुसार उसने परियोजना में वर्ष 2013 में 2 भूखंडों की बुकिंग की थी। लगभग रुपये 76 लाख की लागत वाले भूखंडों के लिए आवंटी द्वारा एग्रीमेन्ट फोर सेल के अनुसार लगभग रुपये 25 लाख का भुगतान किया जा चुका था। आवंटी को सितम्बर 2017 तक कब्जा प्राप्त होना था लेकिन कब्जा प्राप्त नहीं हुआ। परियोजना पर कोई कार्य न होने, इकाई का कब्जा प्राप्त होने में हो रही देरी और विलंबित अवधि के लिए आवंटी ने 2021 में उ.प्र. रेरा में शिकायत (NCR145/00/70322/2021 तथा NCR145/00/70323/2021) दर्ज की थी। पीठ से पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए दोनों पक्षों की सहमति से प्रकरण कन्सिलीएशन फोरम में हस्तान्तरित किया गया था।

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भूखंड पर कब्जा देने का प्रस्ताव हुआ था प्राप्त

कन्सिलीएशन फोरम की मध्यस्थता के बाद प्रोमोटर द्वारा कब्जा मिलने में हुए विलम्ब की अवधि का ब्याज का समायोजन बकाया राशि में करने, इसके उपरान्त लागत राशि के शेष का भुगतान कब्जा मिलने के पूर्व करने और अगले 2 वर्ष में भूखंड पर कब्जा देने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था जिसे आवंटी ने स्वीकार करके अपनी सहमति दे दी। इस प्रकार दोनों पक्षों ने समझौता कर विवाद समाप्त कर लिया और समझौते की एक प्रति क्षेत्रीय कार्यालय, उ.प्र. रेरा में जमा करवा दी। कन्सिलीएशन फोरम द्वारा विवाद का समाधान होने से सन्तुष्ट आवंटी ने उ.प्र. रेरा के प्रयासों की सराहना की।

उ.प्र. रेरा अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्डी के अनुसार, “वर्चुअल हियरिंग के दौरान कई ऐसे प्रकरण सामने आते है जिसमे उभयपक्ष आपसी सहमति से विवाद का समाधान करना चाहता है। ऐसे प्रकरणों को कन्सिलीएशन फोरम में हस्तान्तरित कर दिया जाता है जहाँ कन्सिलीएटर की मध्यस्थता से विवाद का समाधान करा दिया जाता है।” उ.प्र. रेरा द्वारा एनसीआर में स्थापित कन्सिलीएशन फोरम में सुनवाई के माध्यम से लगभग 1,300 से ज्यादा मामलों में लगभग रुपये 510 करोड़ की परिसंपत्तियों को विवाद मुक्त कराया गया है।

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