Trump tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 9 जुलाई से लागू होने वाले टैरिफ को अब 1 अगस्त तक के लिए टाल दिया है। यह निर्णय अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों के साथ नए और बेहतर व्यापार समझौते तैयार करने की रणनीति के तहत लिया गया है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि हर देश के साथ अलग-अलग व्यापारिक समझौते करके अमेरिका को अधिक फायदेमंद सौदे मिल सकते हैं।
12 देशों को भेजे गए नोटिस
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लेविट ने जानकारी दी कि अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान समेत 12 देशों को औपचारिक रूप से नोटिस भेज दिए हैं। इन नोटिसों में स्पष्ट किया गया है कि 1 अगस्त से इन देशों से अमेरिका में होने वाले आयात पर 25% टैरिफ लागू होगा।
Read more :Golden Visa:यूएई का नया गोल्डन वीजा.. भारतीयों के लिए सुनहरा मौका, जानिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया
ट्रंप का तर्क
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “Truth Social” के माध्यम से यह घोषणा साझा करते हुए कहा कि यह 25% टैक्स उन व्यापार घाटों की भरपाई के लिए लगाया जा रहा है, जो अमेरिका को इन देशों के साथ व्यापार करते समय झेलने पड़ते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह शुल्क पूरी तरह घाटे की भरपाई नहीं करता, लेकिन यह एक मजबूत कदम जरूर है।
Read more :Dalai Lama को भारत रत्न देने की तैयारी तेज, 80 सांसदों ने किया समर्थन चीन ने जताई नाराजगी
स्थानीय उत्पादन पर नहीं लगेगा शुल्क
ट्रंप ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया है कि यदि दक्षिण कोरिया, जापान या अन्य देश अमेरिका में ही अपने उत्पादों का निर्माण करते हैं, तो उन पर यह आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा। इससे अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
ट्रंप की चेतावनी
ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि कोई देश अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लागू करता है, तो अमेरिका भी उसी अनुपात में और कड़ा शुल्क लगाएगा। यह संदेश अमेरिका की सख्त व्यापार नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
‘लिबरेशन डे’ टैरिफ नीति का विस्तार
यह फैसला ट्रंप की अप्रैल में घोषित ‘Liberation Day’ टैरिफ नीति का ही विस्तार है। इस नीति के तहत पहले ही जापान पर 24% और दक्षिण कोरिया पर 25% शुल्क लगाया गया था। ये टैरिफ अमेरिका के इतिहास में अब तक के सबसे ऊंचे आयात शुल्क माने जा रहे हैं।
टैरिफ की तारीख पहले भी टली थी
गौरतलब है कि जब पहली बार इन टैरिफों की घोषणा की गई थी, तब वॉल स्ट्रीट में भारी बिकवाली शुरू हो गई थी जिससे अमेरिकी शेयर बाजारों में अस्थिरता देखी गई थी। इस कारण ट्रंप प्रशासन ने पहले ही इन टैरिफ को लागू करने में तीन महीने की मोहलत दी थी, जिसे अब और बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया है।