New US Tariffs 2025: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी आक्रामक व्यापार नीति का परिचय देते हुए 14 देशों पर भारी भरकम आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की है। यह फैसला 1 अगस्त से प्रभावी होगा और इसमें कुछ देशों पर शुल्क की दरें 40% तक पहुंच गई हैं।इस कदम के तहत ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अमेरिका अब व्यापार घाटा और बाहरी दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा। ट्रंप ने अपने ट्रेड विजन को लागू करने की दिशा में यह बड़ा कदम उठाया है।
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म्यांमार और लाओस पर सबसे ज्यादा 40% शुल्क
इस नई टैरिफ नीति में म्यांमार और लाओस को सबसे अधिक प्रभावित किया गया है। इन दोनों देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर 40% तक का टैक्स लगाया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक टैरिफ माना जा रहा है। ट्रंप ने इसे “फेयर ट्रेड” की दिशा में उठाया गया आवश्यक कदम बताया है।ट्रंप का कहना है कि अमेरिका लंबे समय से जिन देशों से व्यापार करता आ रहा है, उनसे उसे बराबर का लाभ नहीं मिल रहा था। इसलिए अब जरूरत है कि अमेरिका को उसका उचित हिस्सा मिले।
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अन्य 12 देशों पर भी लागू होगा नया टैक्स
इन दो देशों के अलावा कंबोडिया, वियतनाम, थाईलैंड, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, टर्की, मोरक्को, मिस्र और ट्यूनीशिया जैसे देशों पर भी 10% से लेकर 30% तक के नए टैरिफ लगाए गए हैं।इन टैरिफ का उद्देश्य अमेरिका के घरेलू उद्योगों को सशक्त करना और सस्ते आयात से होने वाले नुकसान को रोकना है। ट्रंप का दावा है कि इससे अमेरिकी कंपनियों को फायदा मिलेगा और घरेलू नौकरियों में इजाफा होगा।
ट्रंप की चेतावनी: “जवाब दिया तो और कड़ा जवाब मिलेगा”
ट्रंप ने अपने बयान में यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई देश इन टैरिफ के बदले में अमेरिका पर भी टैक्स बढ़ाता है या व्यापारिक बाधाएं खड़ी करता है, तो अमेरिका दोगुना टैक्स लगाएगा।उन्होंने स्पष्ट कहा, “अगर वे हमारे खिलाफ कदम उठाते हैं, तो हम भी उतना ही नहीं, उससे भी ज्यादा करेंगे।” ट्रंप की यह नीति “अमेरिका फर्स्ट” के तहत लाई जा रही है, जिसमें घरेलू उत्पादन और रोजगार को प्राथमिकता दी जा रही है।
विपक्ष और वैश्विक प्रतिक्रिया की आशंका
हालांकि ट्रंप के इस फैसले की आलोचना भी शुरू हो चुकी है। कई अर्थशास्त्रियों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि इतने ऊंचे टैरिफ से वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ सकता है और अमेरिका को भी जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन (WTO) और कई देशों की सरकारें इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया तैयार कर रही हैं। यदि यह स्थिति आगे बढ़ी, तो अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों के बीच नया ट्रेड वार शुरू हो सकता है।
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एक नई आर्थिक जंग की शुरुआत?
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 14 देशों पर लगाए गए नए टैरिफ केवल व्यापारिक नीति नहीं, बल्कि एक सख्त राजनीतिक और आर्थिक संदेश भी हैं। यह कदम न केवल वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकता है, बल्कि अमेरिका की आगामी चुनावी राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बन सकता है।1 अगस्त से लागू होने वाले इन टैरिफों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि संबंधित देश क्या जवाब देते हैं और इसका असर वैश्विक बाजारों पर किस तरह पड़ता है।