भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि आज…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

आज यानि 06 दिसंबर को डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि है। भीम राव अंबेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार थे। डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश में दलितों के आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए लड़ाई लड़ी थी।

Ambedkar Death Anniversary 2023: भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की आज पुण्यतिथि है। भीम राव अंबेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार थे। वे एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे। उन्होंने दलित समुदाय के लिए काफी काम किया। वे समाज से भेदभाव को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन के लिए लोगों को प्रेरित किया और समाज में अछूतों को लेकर हो रहे भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था।

छुआछूत को खत्म करने की पहल…

छुआछूत की सामाजिक बुराई को खत्म करने, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और देश भर में दलितों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए काम करने के लिए लड़ाई लड़ी। इसके साथ ही वे आज़ादी के बाद भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सात सदस्यों में से एक थे। उनकी पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति का सम्मान करने और उन सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए उनके कुछ प्रेरक उद्धरण यहां दिए गए हैं जिन पर वह दृढ़ता से विश्वास करते थे।

अपने जमाने के सबसे पढ़े लिखे लोगों में से एक…

बीआर अंबेडकर अपने जमाने के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे कुछेक महान विद्वान लोगों में से एक थे। उनके पास अलग-अलग 32 विषयों की डिग्रियां थीं। एलफिंस्टन कॉलेज मुंबई से बीए करने के बाद वह एमए करने अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी चले गए। वहीं से पीएचडी भी की। इसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमएससी, डीएससी किया। ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ) किया। एलफिस्टन कॉलेज में वह अकेले दलित छात्र थे।

26 नवंबर, 1949 को संविधान का मसौदा तैयार किया…

देश की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू जब आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अंबेडकर को अपने मंत्रिमंडल में कानून मंत्री के रूप में शामिल किया। इसके बाद अंबेडकर ने भारत के लोगों के सामने संविधान का मसौदा प्रस्तुत किया, जिसे 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया। अंबेडकर ने बौद्ध धर्म पर एक किताब ‘बुद्ध और उनका धर्म’ लिखी। हालांकि इस पुस्तक का प्रकाशन उनकी मृत्यु के बाद हुआ। किताब लिखने के बाद 14 अक्टूबर, 1956 को खुद भी बौद्ध धर्म को अपना लिया।

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कैसे हुई मौत?

डॉ भीमराव आंबेडकर को डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, न्यूराइटिस और आर्थराइटिस जैसी बीमारियां थीं। डायबिटीज की वजह से वह काफी कमजोर हो गए थे और गठिया की वजह से वह दर्द से परेशान रहते थे। 6 दिसंबर साल 1956 को दिल्ली स्थित आवास पर नींद के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी। मरणोपरांत साल 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। हर साल 6 दिसंबर को बाबा साहेब की पुण्यतिथि को मनाया जाता है।

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