Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary 2023 : आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 73वीं पुण्यतिथि है। वल्लभभाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और ‘लौहपुरुष’ कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की आजादी और भारतीय रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने में अपना अहम योगदान दिया था। वह एक देश के पहले उपप्रधान मंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री भी थे।देश की आजादी में उन्होंने जितना योगदान दिया, उससे कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक सूत्र में बांधने में भी किया था।
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लंबी बीमारी के बाद हुआ था निधन
बता दें कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में एक किसान परिवार में हुआ था। 1928 में अकाल और बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बढ़ाए गए करों के खिलाफ गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के विरोध के कारण उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था। सरदार पटेल भारत का निधन 15 दिसंबर, 1950 को लंबी बीमारी के बाद हो गया था।
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जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि..
भारत को वर्ष 1947 में पूर्ण स्वतंत्रता मिली तो सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के प्रथम उप प्रधान मंत्री बने और गृह मंत्री बनाएं गए। इसके साथ ही उन्होंने राज्य और सूचना और प्रसारण विभागों के लिए जिम्मेदारी भी उठाई। लेकिन एक गंभीर समस्या अभी भी सामने खड़ी थी जिसका उन्हें सामना करना था। उस समय देश में छोटी-बड़ी 562 रियासतें थीं। इनमें से कई रियासतों ने तो आजाद रहने का ही फैसला कर लिया था, लेकिन सरदार पटेल ने इन सबको देश में मिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। देश की बड़ी जनसंख्या और राज्यों का एकीकरण वल्लभभाई पटेल के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक थी।
सरदार वल्लभ पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति गुजरात में..
आपको बता दें कि लौहपुरुष’ कहे जाने वाले सरदार वल्लभ पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति गुजरात में बनाई गई है, इसकी ऊंचाई 182 मीटर है और ये नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर खड़ी है। वहीं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को 45 महीनों में 24000 टन लोहे से बनाया गया है, यह प्रतिमा 20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, और तो और सरदार पटेल की मूर्ति को बनाने में 2989 करोड़ रुपये खर्च हुए है।