Rao IAS coaching center की लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत,HC ने उठाए गंभीर सवाल

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Rao IAS coaching center

Rao IAS coaching center: ओल्ड राजेंद्रनगर (Old Rajendranagar) में शनिवार को राव आईएएस कोचिंग सेंटर (Rao IAS coaching center) के बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी हैं, सड़कों पर छात्र उतर आए हैं और ये मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है. सरकारी अभियोजन और छात्रों की ओर से याचिकाकर्ता वकील लगातार दलीलें पेश कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट ने मुख्य सवाल उठाया कि यह हादसा हुआ ही क्यों? याचिकाकर्ता ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

Read More: Drishti IAS Coaching सील होने के बाद विकास दिव्यकीर्ति ने तोड़ी चुप्पी..कहा-‘यह समस्या इतनी सरल नहीं जितनी ऊपर से दिखती’

सरकार और प्रशासन की विफलताओं पर याचिकाकर्ता की दलीलें

सरकार और प्रशासन की विफलताओं पर याचिकाकर्ता की दलीलें

बताते चले कि याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कई दलीलें पेश की, जिनसे सरकार, दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की विफलता और लापरवाही स्पष्ट होती है. वकील ने बताया कि कुछ दिन पहले पटेलनगर में सोसाइटी के गेट में बिजली के करंट की चपेट में आने से एक छात्र की मौत हो गई थी, लेकिन उस याचिका पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया. वकील ने आरोप लगाया कि कई रिहायशी इलाकों में बेसमेंट में लाइब्रेरियां चल रही हैं, लेकिन एमसीडी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. कई मौजूदा कमिश्नरों की वहां संपत्ति होने के कारण यह समस्या बनी हुई है.

सरकारी वकील की दलीलें और कोर्ट की प्रतिक्रिया

आपको बता दे कि सरकारी वकील ने अपनी दलील में कहा कि अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और करीब 75 संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है. 35 को बंद या सील किया गया है. हालांकि, इस हादसे को सही नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन कार्रवाई लगातार जारी है. जैसे ही सरकारी वकील ने यह बात कही, कोर्ट ने उन्हें रोकते हुए पूछा, “यह हादसा हुआ ही क्यों?”

Read More: Budget 2024: बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष का हमला और वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman का पलटवार

MCD और फायर विभाग पर याचिकाकर्ता के वकील के आरोप

MCD और फायर विभाग पर याचिकाकर्ता के वकील के आरोप

याचिकाकर्ता के वकील ने एमसीडी और फायर विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ये जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. इस मामले में जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। पटेल नगर, करोल बाग, और राजेंद्र नगर (Rajendra Nagar) जैसे इलाकों में कई बहुमंजिला इमारतें हैं, जिनमें लगभग 50-60 छात्र रहते हैं। यहां तक कि बेसमेंट को भी पीजी के रूप में उपयोग किया जा रहा है.

अवैध निर्माण और एमसीडी अधिकारियों की जिम्मेदारी

वकील ने आगे कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए एमसीडी से नामित अधिकारी हैं, लेकिन वे अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहे हैं. सरकारी वकील ने तर्क दिया कि कोचिंग सेंटरों के लिए इमारतों की प्रकृति के कारण अनुमतियां दी गई थी. भंडारण के लिए बेसमेंट का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन निरीक्षण के बाद अग्निशमन सेवा की मंजूरी लेनी होगी.

Read More: Kangana Ranaut का विवादित बयान,बोली- सदन में नशे में रहते Rahul Gandhi ..की ड्र्ग्स टेस्ट की मांग

सरकार की निरीक्षण और कार्रवाई की स्थिति

सरकार की निरीक्षण और कार्रवाई की स्थिति

सरकारी पक्ष ने बताया कि अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और 75 संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है. 35 संस्थानों को बंद और 25 को सील कर दिया गया है. कार्रवाई लगातार जारी है. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सवाल उठाया कि ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं. कोर्ट ने कहा, “इस शहर की बुनियादी संरचना और वर्तमान जरूरतों के बीच बहुत बड़ा अंतर है.”

Read More: Monsoon Session में UP के दो लड़कों से भिड़े Anurag Thakur,जातिगत गणना पर हुई तीखी नोकझोंक

Share This Article
Exit mobile version