तीन नए क्रिमिनल कानून लागू, पहली एफआईआर Delhi में हुई दर्ज

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
प्रतीकात्मक इमेज

New Criminal Laws: देश में आज से यानी 1 जुलाई से तीन नए क्रिमिनल कानून लागू हो गए हैं। इन कानूनों के तहत पहली एफआईआर (FIR) दिल्ली (Delhi) के कमला मार्केट पुलिस थाने में दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता (BJC) के तहत यह एफआईआर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और सामान बेचने के आरोप में दर्ज की गई है।

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रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ मामला

दिल्ली पुलिस की शिकायत के मुताबिक, आरोपी पंकज कुमार बिहार के बाढ़-बख्तियारपुर का रहने वाला है और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास रेहड़ी-पटरी लगाकर बीड़ी और सिगरेट बेचता है। पुलिस के अनुसार, पंकज की रेहड़ी के कारण राहगीरों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। पुलिस ने उसे कई बार अपनी रेहड़ी हटाने को कहा, लेकिन उसने अनसुना कर दिया। इसके बाद एसआई ने उसका वीडियो बना लिया और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 285

नई एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत दर्ज की गई है, जो सार्वजनिक स्थानों पर अवरोध पैदा करने से संबंधित है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को पहले भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया।

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नए आपराधिक कानूनों की विशेषताएँ

देश में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों (New Crime Laws) में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) में कुल 511 धाराएं थीं, जिन्हें घटाकर अब 358 कर दिया गया है। नए कानून में 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं और 33 अपराधों की सजा अवधि में वृद्धि की गई है। साथ ही, 83 अपराधों में जुर्माने की रकम बढ़ाई गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है।

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नए कानूनों के प्रमुख परिवर्तन

नए कानून के तहत कई प्रमुख बदलाव किए गए हैं। धारा 124 के तहत अब देशद्रोह से जुड़े मामलों में सजा का प्रावधान किया गया है, जो पहले आईपीसी की धारा 124 में राजद्रोह के तहत था। धारा 302 और 307 में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। हत्या के मामलों में अब आरोपी को धारा 101 के तहत सजा मिलेगी, जबकि हत्या के प्रयास में दोषी को धारा 109 के तहत सजा सुनाई जाएगी।

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धोखाधड़ी के नए प्रावधान

नए कानून में धोखाधड़ी या ठगी के अपराध को अब धारा 420 के बजाय धारा 316 के तहत लाया गया है। इस धारा को भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 17 में संपत्ति की चोरी के विरुद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा गया है। देश में तीन नए क्रिमिनल कानूनों के लागू होने से न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। इन नए कानूनों के तहत पहली एफआईआर दर्ज होने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार अब अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। नए कानूनों के तहत सजा और जुर्माने की वृद्धि से अपराधियों को सबक मिलेगा और न्याय व्यवस्था और अधिक सशक्त होगी।

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