Indresh Kumar: लोकसभा चुनाव भले ही खत्म हो गया हो लेकिन अभी भी सियासी घमासान जारी है. नई सरकार का गठन भी हो गया है..और सभी ने अपने-अपने पद भी संभाल लिए है. इस बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भाजपा को ‘अहंकारी’ और विपक्षी इंडिया ब्लॉक को ‘राम विरोधी’ करार दिया है.लेकिन ऐसा क्यों? आइए जानते है इंद्रेश कुमार ने क्या-क्या कहा…
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सत्तारूढ़ बीजेपी को ‘अहंकारी’ करार दिया
इंद्रेश कुमार ने अपने बयान में कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में जो पार्टी राम की भक्ति करती थी, लेकिन उसमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया, भगवान ने उसे पूरी शक्ति नहीं दी. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी को ‘अहंकारी’ करार दिया है और विपक्षी इंडिया ब्लॉक को ‘राम विरोधी’ बताया है. इंद्रेश कुमार के अनुसार, भगवान राम सबके साथ न्याय करते हैं और अहंकार के कारण बीजेपी को उसकी अपेक्षित शक्ति नहीं मिली.
‘जो लोग राम का विरोध करते हैं, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी गई’
अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग राम का विरोध करते हैं, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि सब मिलकर भी वे नंबर-1 नहीं बने और नंबर-2 पर खड़े रह गए. उनके अनुसार, प्रभु का न्याय सत्य और आनंददायक है. इंद्रेश कुमार जयपुर के पास कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अपने बयान में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी इंडिया ब्लॉक की तरफ था. बता दे कि इंद्रेश कुमार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी हैं.
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लोकतंत्र में रामराज्य का विधान यही है कि …
इसी कड़ी में आगो उन्होंने कहा कि बीजेपी, जिसने भगवान राम की भक्ति की, लेकिन बाद में अहंकारी हो गई, उसे 241 सीटों पर रोक दिया गया, लेकिन वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई. उन्होंने विपक्षी इंडिया ब्लॉक का उल्लेख करते हुए कहा कि जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें एक साथ 234 सीटों पर रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में रामराज्य का विधान यही है कि जिन्होंने राम की भक्ति की लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वह पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जितनी वोट और ताकत मिलनी चाहिए थी, वह भगवान ने उनके अहंकार के कारण रोक दी.
‘जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें सत्ता नहीं मिली’
इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें सत्ता नहीं मिली और उन सभी को एक साथ नंबर दो पर रोक दिया गया. उनके अनुसार, भगवान का न्याय सच्चा और आनंददायक है. उन्होंने कहा कि जो लोग राम की पूजा करते हैं, उन्हें विनम्र होना चाहिए और जो राम का विरोध करते हैं, भगवान स्वयं उनसे निपटते हैं.भगवान राम भेदभाव नहीं करते और दंड नहीं देते. राम किसी को विलाप नहीं कराते और सबको न्याय देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम हमेशा न्यायप्रिय रहे हैं और रहेंगे. भगवान राम ने लोगों की रक्षा की और रावण का भी भला किया.
मोहन भागवत क्या बोले थे?
दरअसल, इंद्रेश कुमार की टिप्पणी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के कुछ दिन बाद आई है. मोहन भागवत ने कहा था कि एक सच्चे ‘सेवक’ में अहंकार नहीं होता और वह ‘गरिमा’ बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है. नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि सच्चा सेवक मर्यादा का पालन करता है और कर्मों में लिपटा नहीं होता. उसे यह कहने का अहंकार नहीं होता कि ‘मैंने यह काम किया’. वही व्यक्ति सच्चा सेवक कहलाने का अधिकारी होता है.
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