स्किन से जुड़ी ये बीमारी ले सकती है जान!हो जाएं सावधान

Mona Jha
By Mona Jha

Dermatomyositis: फिल्म दंगल में बबीता का रोल करने वाली एक्टर सुहानी भटनागर की महज 19 साल की उम्र में मौत हो गई। सुहानी की मौत की वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।दरअसल एक्टर की मौत डर्मेटोमायोसाइटिस नामक बीमारी के वजह से हुई है। सुहानी दुर्लभ बीमारी कही जाने वाली डर्मेटोमायोसाइटिस से पीड़ित थी और सात फरवरी को इसी बीमारी के वजह से उसे एम्स में एडमिट करवाया गया था लेकिन ये बच नहीं पाई , और इनकी मौत हो गई। तो आईए जानते हैं कि आखिर डर्मेटोमायोसाइटिस क्या है और ये कैसे जानलेवा बन जाता है।

Read more : दुष्कर्म पीड़िता ने मजिस्ट्रेट पर लगाया यौन शोषण का आरोप,बोली- कोर्ट चैंबर में हुई घटना

क्या है Dermatomyositis

दरअसस डर्माटोमायोसिटिस एक दुर्लभ बीमारी है जो मांसपेशियों में कमजोरी और आपकी त्वचा पर चकत्ते का कारण बनती है।इस बिमारी में विशिष्ट लाल या बैंगनी चकत्ते के साथ-साथ मांसपेशियों की कमजोरी की विशेषता है। डॉक्टर का कहना हैं कि पुरुषों के मुकाबले डर्माटोमायोसिटिस का शिकार महिलाएं ज्यादा होती है।

यह ऑटोइम्यून बीमारी है जिसका कारण जेनेटिक समस्या को माना गया है, इसके अलावा कुछ दवाएं, स्मोकिंग और वायरस इंफेक्शन के साथ साथ इनवायरमेंट भी इस बीमारी का कारण हो सकता है, इस बीमारी पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अलग तरह से रिएक्ट करती है और जब बीमारी हावी होती है तो शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और इसी के चलते वो बीमारियों से लड़ने में असहाय हो जाता है।

Read more : ‘वन टाइम सेटलमेंट स्कीम’ लागू करने के लिए AAP करेगी आंदोलन

इस बिमारी के होने का वजह

आपके जानकारी के लिए बता दें कि अब तक इस बीमारी की वजहों का सही तरह से पता नहीं लग पाय है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह ऑटोइम्यून डिसीज है। जिससे पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम अपने ही हेल्दी टिश्यू पर हमला करने लगता है। इसके पीछे जेनेटिक्स और कुछ खास तरह की दवाइयां, वायरस इन्फेक्शन, स्मोकिंग जैसे दूसरे कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।

Read more : सपा का दामन छोड़ Swami Prasad Maurya ने बनाई नई पार्टी,एक बार फिर दोहराया इतिहास

Dermatomyositis के लक्षण

वहीं इस बिमारी में स्किन पर चकत्ते और रैशेज हो जाते हैं और मसल्स इतनी कमजोर हो जाती है कि उनमें दर्द होने लगता है, इस बीमारी में आंखों के आस पास की त्वचा पर चकत्ते भरी हो सकती है और धीरे धीरे मरीज की स्किन का रंग गहरा होने लगता है, लेकिन ऐसा ऐसा माना जाता है कि कुछ जेनेटिक समयाएं और खराब पर्यावरण इसका कारण बन सकते हैं, हालांकि ये बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन ज्यादातर इसका शिकार 40 से 60 साल और 5 साल से 10 साल के बच्चे बनते हैं।

Share This Article
Exit mobile version