मध्यप्रदेश के पेशाबकांड पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए, उन्होंने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
MP Urination Case : हालही में मध्यप्रदेश से भाजपा नेता का बेशर्मी और मानवताहीनता का वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करते नजर आ रहे थे। इस मामले के सामने आने के साथ ही मध्य प्रदेश पुलिस ने कार्यवाही करते हुए कुछ घंटो में स्थानीय अधिकारियों ने आरोपी के घर पर बुलडोजर चला दिया। हालांकि, इस मामले के सामने आने के बाद सियासी बयानबाजी का दौरा शुरू हो गया है। इसके चलते सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि, ”मप्र में भाजपा के 18 साल के शासन की क्या बस यही उपलब्धि है. बीजेपी को अहंकार ले डूबेगा”
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अखिलेश ने ट्वीट भाजपा पर बोला हमला
पेशाबकांड पर भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए सपा सुप्रीमो ने ट्वीट में लिखा है कि, “मध्यप्रदेश के सीधी ज़िले में एक आदिवासी के ऊपर एक भाजपाई द्वारा जो दानवीय घृणित कृत्य किया गया है, वो सदियों से शोषित-दलित समाज पर किये जा रहे उत्पीड़न के इतिहास का एक और शर्मनाक अध्याय है। मप्र में भाजपा के 18 साल के शासन की क्या बस यही उपलब्धि है। बीजेपी को अहंकार ले डूबेगा। ” पेशाबकांड का वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की बीजेपी सरकार से प्रवेश शुक्ला पर कार्यवाही के साथ संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के मांग की थी।
गुस्साए लोगों ने किया जमकर प्रदर्शन
सपा ही नहीं इससे पहले कांग्रेस ने भी पेशाब कांड पर दावा करते हुए कहा था कि, पेशाबकांड बीजेपी के प्रवेश शुक्ला से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही इंदौर के एक वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में इस मामले से गुस्से लोगों ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के खिलाफ अत्याचार बढ़ने को लेकर आवाज उठी और नारेबाजी करके उनके सम्मान को बनाए रखने के लिए सख्त कार्यवाही की मांग की है।
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प्रदर्शन कर रहे महासंघ के अध्यक्ष मनोज परमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘‘सीधी जिले में आदिवासी युवक पर पेशाब करके प्रवेश शुक्ला ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। शुक्ला को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। हो सके तो उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए। ‘ इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, ”सूबे में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को आज भी जातिगत भेदभाव के कारण अत्याचार झेलने पड़ रहे हैं”