‘यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल…कोई राजनीतिक ड्रामा नहीं चाहते’ Tirupati लड्डू विवाद पर SC की टिप्पणी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Tirupati Laddoo Controversy: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक नई स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया है. इस नई एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगा. सीबीआई निदेशक इस जांच की निगरानी करेंगे.

Read More: Pune में 21 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप की वारदात, 3 आरोपियों ने पुरुष मित्र की पिटाई कर घटना को दिया अंजाम

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने क्या कहा ?

आपको बता दे कि इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान, केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि यदि आरोपों में कोई सच्चाई है, तो यह अस्वीकार्य है. उन्होंने यह भी कहा कि एसआईटी की निगरानी किसी वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी के द्वारा की जानी चाहिए, जिससे लोगों में विश्वास बढ़ेगा. उन्होंने उल्लेख किया कि देश भर में भक्त हैं और खाद्य सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है.

कोर्ट ने दिया सुझाव

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया जाए, जिसमें सीबीआई और राज्य सरकार से दो-दो सदस्य शामिल हों. इसके अलावा, एफएसएसएआई से भी एक सदस्य को शामिल करने की सिफारिश की गई, क्योंकि खाद्य पदार्थों की जांच में एफएसएसएआई एक विशेषज्ञ निकाय है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है, और वह नहीं चाहते कि यह मामला राजनीतिक ड्रामा बन जाए। एक स्वतंत्र निकाय होने पर विश्वास पैदा होगा.

Read More:इलाहाबाद HC का अहम फैसला, सहमति से बने लंबे संबंध को रेप नहीं माना जा सकता

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

कोर्ट ने इस मामले की याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की कि यदि कोई नई बात सामने आती है, तो जांच लंबित रहने तक फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जा सकता है. पहले इस मामले की सुनवाई गुरुवार को दोपहर 3:30 बजे निर्धारित की गई थी, लेकिन सॉलिसिटर जनरल ने जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से अनुरोध किया कि क्या वह शुक्रवार सुबह 10:30 बजे जवाब दे सकते हैं. पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवाल

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 30 सितंबर को मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल से यह तय करने के लिए कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने यह भी पूछा था कि क्या यह दिखाने के लिए कोई सबूत है कि लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा और अगर जांच के आदेश दिए गए थे, तो प्रेस में जाने की क्या आवश्यकता थी?

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से किया सवाल सवाल

तिरुपति लड्डू विवाद पर सॉलिसिटर जनरल ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि यह आस्था का मामला है और यदि मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है, तो यह अस्वीकार्य है. सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से सवाल किया कि क्या प्रसाद के लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था. टीडीपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि लोगों ने शिकायत की थी कि लड्डू का स्वाद ठीक नहीं था. इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी और आप केवल बयान दे रहे हैं, जबकि कोई ठोस सबूत नहीं है कि प्रसाद के लिए दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था.

Read More: Agra के Yash Kumar पैरालंपिक में भारत का परचम लहराने वाले बने पहला केनो खिलाड़ी

Share This Article
Exit mobile version