क्वालिटी चेकिंग में फेल हुई ये दवाइयां,Paracetamol –Telma सहित 53 दवाइयां परीक्षण में हुई फेल

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
medicine quality check

Medicine Quality Check: अगर आप भी आम तौर पर बुखार,बीपी या डयबिटीज की दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के खाते हैं तो हो जाइए सावधान।केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कुछ ऐसी दवाइयों को लेकर खुलासा हुआ है जो इन बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं लेकिन लैब टेस्टिंग के दौरान यह सारी दवाइयां फेल हो गई हैं।इनमें से कुछ ऐस दवाएं शामिल हैं जो आम तौर पर लोग नॉर्मली बुखार आने पर खा लेते हैं इसमें कुछ कंपनियों की कैल्शियम और विटामिन डी की टेबलेट्स भी शामिल हैं।

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लैब टेस्टिंग में फेल हुई 53 दवाएं

लैब टेस्टिंग में चिन्हित दवाओं में पैरासिटॉमोल (500 एमजी) डायबिटीज की ग्लिमेपिराइड,हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 एमजी) एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 शामिल हैं।इस सूची में एचएएल द्वारा निर्मित व्यापक रुप से इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक मेट्रोनिडाजोल और टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स द्वारा वितरित और उत्तराखंड में प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर द्वारा उत्पादित शेल्कल भी शामिल हैं।

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पैरासिटामॉल समेत 53 दवाएं लैब टेस्टिंग में फेल

CDSCO ने जिन दवाओं को टेस्टिंग में फेल बताया है उसमें पैंटोसिड टैबलेट भी शामिल है जो एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है इस दवाई को सनफार्मा कंपनी बनाती है लैब टेस्टिंग के दौरान यह फेल साबित हुई है।इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी की टैबलेट शेलकल और पुल्मोसिल इंजेक्शन,हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए उपयोग की जाती है यह सभी दवाइयां परीक्षण में फेल साबित हुईं अल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक क्लेवम 625 भी दवा परीक्षण में फेल हुई है।

CDSCO ने जारी की दवाओं की यह लिस्ट

आपको बता दें कि,दवाओं की यह लिस्ट इंडियन ड्रग्स रेग्युलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड की है।इसमें बताया गया है कि,50 से ज्यादा दवाएं ऐसी हैं जो स्टैंडर्ड क्वालिटी के हिसाब से फेल साबित हुई हैं।इससे पहले जून में भी दवाइयों की एक लिस्ट जारी की गई थी जिसमें पैरासिटामॉल समेत 52 दवाओं के नाम शामिल थे।

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हर महीने लिए जाते हैं दवाओं के सैंपल

दवाओं की क्वालिटी चेकिंग के लिए हर महीने दवाओं के अलग-अलग राज्यों से सैंपल्स लिए जाते हैं इसके बाद उनकी जांच की जाती है।विभिन्न विशेषज्ञों का मानना है कि,समय-समय पर आम तौर पर कुछ बीमारियों के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की टेस्टिंग इसलिए भी जरुरी हो जाती है क्योंकि यह दवाएं ऐसी हैं जो लगभग हर घरों में पाई जाती हैं इन दवाओं के इस्तेमाल के लिए लोग डॉक्टर से भी सलाह लेना जरुरी नहीं समझते इसलिए इन दवाओं की टेस्टिंग बहुत जरुरी होती है।

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