Calcium Deficiency in Women: कैल्शियम हमारे शरीर के लिए आवश्यक खनीज है। यह हड्डियों, दांतो, मांसपोशियों को मजबूत करने और नर्व कम्यूनिकेशन और हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। रिप्रोडक्टिव ईयर्स के दौरान और मेनोपॉज के बाद महिलाओं में कैल्शियम की कमी आम समस्या है। इस लेख में हम महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षणों के बारे में जानेंगे।
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कैल्शियम की कमी होने पर दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण

हड्डियों का कमजोर होना
शरीर में कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। अगर समय रहते इलाज नहीं किया गया तो, इसका गंभीर परिणाम हो सकता है।
मांसपेशियों में दर्द
कैल्शियम की कमी से मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन की समस्या हो सकती है। गले की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो सकती है, सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
दांतों से संबंधित समस्याएं
कैल्शियम दांतों के एनामेल को मजबूत करने में मदद करता है। शरीर में इसकी कमी होने पर दांतो का इरोजन और सेंसिटिविटि बढ़ जाती है।
अधिक थकान लगना
मांसपेशियों के सुचारु रूप से काम करने के लिए कैशिल्शियम जरूरी होता है। इसकी कमी से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
नर्वस सिस्टम ठीक से काम नहीं करता
कैल्शियम नर्व कम्यूनिकेशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से सुन्नता, झुनझुनी और मांशपेशियों में कमजोरी की शिकायत हो सकती है।
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महिलाओं में कैल्शियम की कमी के प्रभाव

ऑस्टियोपोरोसिस
महिलाओं में कैल्शियम की कमी होने पर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
रिप्रोडक्टिव हेल्थ
कैल्शियम की कमी से प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) जोखिम बढ़ जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान जटिलताएं बढ़ जाती हैं।
हार्ट के लिए खतरा
कैल्शियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसकी कमी से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है, जिससे हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।