Three New Criminal Laws Notify: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। ये कानून 1 जुलाई से लागु होने जा रहा है। इन तीनों कानून के संबंध में सरकार ने पिछले साल संसद के मानसून सत्र के दौरान विधेयक पेश किया था। संसद में पेश किए जाने के बाद इसे गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति के पास भी भेजा गया था। समिति की ओर से की गई कई सिफारिशों को शामिल किए जाने के बाद इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पास कर दिया गया है। वहीं ये तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लागू होंगे।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी
वहीं इन तीनों कानूनों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी, तब ये तीनों विधेयक कानून बन गए थे, अब इन्हें लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम अब पुराने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
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नए कानूनों में मॉब लिंचिंग पर सख्त सजा का प्रावधान
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी तीन अधिसूचनाओं के मुताबिक, ‘नए कानूनों के प्रावधान एक जुलाई से लागू होंगे। ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। इस तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित कर उनके लिए सजा तय कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। बता दें कि भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम जो अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, उससे अब लोगों को छुटकारा मिलेगा, इस नए कानून में मॉब लिंचिंग, नाबालिग से गैंगरेप जैसी घिनौनी हरकतों के लिए आजीवन कारावास और फांसी तक की सजा का प्रावधान है।
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3 नए कानून..
वहीं इस मॉब लिंचिंग के बारे में चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने बताया कि,-“मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग क्राइम के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं ।”इसके अलावा इस नए कानून के तहत अगर कोई मौखिक तौर पर या लिखित या सांकेतिक रूप से ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देता है या फिर प्रयास भी करता है, एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, इसके अतिरिक्त उस पर जुर्माने का प्रावधान भी नए कानून में सम्मलित किया गया है।”वहीं नए कानून में आतंकवादी कृत्य, जो पहले गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम जैसे खास कानूनों का हिस्सा थे, इसे अब भारतीय न्याय संहिता में शामिल किया गया है।