Traffic Diversion in Lucknow: पहली मुहर्रम (Muharram) के जुलूस को लेकर लखनऊ के चौक क्षेत्र में सोमवार को यातायात व्यवस्था बदली रहेगी। शाम सात बजे से शाही जरी का जुलूस बड़ा इमामबाड़ा से शुरू होकर रूमी गेट पुलिस चौकी चौराहा, चंटाघर तिराहा, शोशमहल, सतखंडा तिराहा, रईस मंजिल से होकर छोटा इमामबाड़ा पर समाप्त होगा। जुलूस की समाप्ति तक, शाम पांच बजे से रूट डायवर्जन लागू रहेगा। इमरजेंसी के दौरान ट्रैफिक पुलिस एंबुलेंस, शव वाहन, फायर सर्विस, स्कूली वाहन आदि को निकालेगी। इसके लिए लोग ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 पर संपर्क कर सकते हैं।
वैकल्पिक मार्ग

- सीतापुर रोड: सीतापुर रोड से आने वाले वाहन डालीगंज क्रासिंग से पक्का पुल होते हुए बड़ा इमामबाड़ा नहीं जा सकेंगे। इन्हें डालीगंज क्रॉसिंग ओवरब्रिज से चौराहा नंबर आठ, आईटी चौराहा होकर भेजा जाएगा।
- हरदोई रोड: हरदोई रोड की तरफ से आने वाले वाहन कोनेश्वर चौराहे से घंटाघर नहीं जाएंगे। ये चौक, मेडिकल क्रॉस होकर जा सकेंगे।
- कैसरबाग से सीतापुर रोड: कैसरबाग से सीतापुर रोड जाने वाले वाहन पक्कापुल की ओर नहीं जा सकेंगे। ये डालीगंज पुल से दाहिने आईटी चौराहा, कपूरथला चौराहा, मड़ियांव होकर जा सकेंगे।
- कैसरबाग से हरदोई रोड: कैसरबाग से हरदोई रोड जाने वाले वाहन पक्का पुल की ओर से नहीं जा सकेंगे। ये शाहमीना तिराहे से बाएं मेडिकल कॉलेज, चौक, कोनेश्वर होकर आ सकेंगे।
- हुसैनाबाद: हुसैनाबाद (रामगंज) तिराहे से छोटा इमामबाड़ा होकर घंटाघर की ओर नहीं जा सकेंगे। ये हुसैनाबाद तिराहे से तहसीनगंज तिराहा होकर जाएंगे।
- नींबू पार्क: नींबू पार्क फ्लाईओवर से उतरने वाला यातायात रूमी गेट की तरफ नहीं जा सकेगा। यह चौक चौराहा, ठाकुरगंज या चरक चौराहा होकर जाएगा।
- नक्खास तिराहा: नक्खास तिराहे से विक्टोरिया स्ट्रीट की ओर सामान्य यातायात नहीं जाएगा। यह रकाबगंज पुल, बाजारखाला होकर जाएगा।
- मेडिकल क्रॉस चौराहा: मेडिकल क्रॉस चौराहे से यातायात नक्खास तिराहा नींबू पार्क चौराहा की ओर नहीं जा सकेगा। यह मेडिकल कॉलेज, चौक चौराहा, कोनेश्वर चौराहा होकर जाएगा।
- कुड़ियाघाट रोड: कुड़ियाघाट रोड तिराहा से बंधा रोड या नया पक्का पुल होकर वाहन जाएंगे।
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मुहर्रम का महत्व

मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और यह इस्लामिक नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह महीना विशेष रूप से शिया मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस महीने की 10वीं तारीख को, जिसे ‘आशुरा’ कहते हैं, कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत हुई थी। इस दुखद घटना की स्मृति में शिया मुस्लिम समुदाय मुहर्रम के दौरान मातम मनाते हैं। वे इस दौरान काले कपड़े पहनते हैं, मातमी जुलूस निकालते हैं, और विशेष धार्मिक सभाएं आयोजित करते हैं। आशुरा के दिन कुछ लोग रोज़ा भी रखते हैं।
मुहर्रम का यह पर्व त्याग, बलिदान और न्याय की प्रतीक है। इस महीने की 10वीं तारीख को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस्लामिक इतिहास में इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन ने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। उनकी शहादत इस्लामिक समाज में साहस और सत्य के प्रतीक के रूप में मानी जाती है।
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सुरक्षा व्यवस्था

मुहर्रम के जुलूस के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल तैनात रहेगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में ट्रैफिक कंट्रोल नंबर का उपयोग करें। मुहर्रम का यह पर्व लखनऊ में पूरे श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाएगा, जिसमें भाग लेकर लोग इमाम हुसैन की शहादत को याद करेंगे और उनके द्वारा दिखाए गए सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा लेंगे।
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