Maharashtra: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर कुछ बड़ा होने वाला है इसकी अटकलें लगनी शुरु हो गई हैं।शुक्रवार को जब पीएम मोदी शरद पवार के साथ अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन उद्घाटन मौके पर शरद पवार के साथ मंच साझा कर रहे थे तब शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुछ ऐसा कहा जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने के संकेत मिलने लगे हैं।
महाराष्ट्र की सियासत में उलटफेर की आशंका!

बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच तल्खी की खबरें सामने आ रही हैं।इस बीच एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत में कहा,मुझे हल्के में मत लेना मैं तांगा पलट दूंगा।शिंदे का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश की राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी शरद पवार को सहारा देते और उनको बैठने के लिए कुर्सी आगे करते दिखाई दिए हैं।इन तस्वीरों और एकनाथ शिंदे के बयान से यह चर्चा होने लगी है क्या महाराष्ट्र में फिर खेला होने जा रहा है?
एकनाथ शिंदे ने हल्के में न लेने की दी चेतावनी

महाराष्ट्र विदर्भ में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे एकनाथ शिंदे ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए इशारों-इशारों में बीजेपी को उन्हे हल्के में न लेने की चेतावनी दी है।एकनाथ शिंदे ने कहा,इससे पहले जब उनको हल्के में लिया गया तो उन्होंने 2022 में तांगा पलट दिया राज्य की सरकार बदल दी और आम लोगों के मन की सरकार को ले आए।एकनाथ शिंदे ने कहा,लोग डबल इंजन की सरकार चाहते थे उस वक्त उन्होंने विधानसभा में कहा था कि,वो और देवेंद्र फडणवीस मिलकर 200 से ज्यादा सीट जीतकर लाएंगे और हम 232 सीट लेकर आए।शिंदे ने कहा,इसलिए यह इशारा जिसे समझना है वह समझ लें वो अपना काम आगे भी करते रहेंगे।
सीएम न बनाए जाने पर शिंदे ने जताई थी नाराजगी

आपको बता दें कि,पिछले साल 2024 के अंतिम महीनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था जिसके बाद शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की नाराजगी के बीच उनको मनाने की खबरें सामन आई।काफी मान-मनौव्वल के बाद एकनाथ शिंदे को बीजेपी ने डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया उनको इससे संतोष करना पड़ा था लेकिन फिर भी माना यही जा रहा था शिंदे की नाराजगी पूरी तरह से खत्म करने में बीजेपी सफल नहीं हो सकी थी।
2024 महाराष्ट्र विधानसभा में एनडीए की जीत को लेकर शिंदे गुट के समर्थकों का मानना था कि,मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे के ढाई साल के कार्यकाल (जून 2022 से नवंबर 2024) के दौरान उनकी सरकार में लिए गए फैसलों और लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही भाजपा,शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन को चुनाव में रिकॉर्ड जीत मिली थी।