Waqf Act 2013 में संशोधन पर मचा हंगामा, जमीयत उलेमा-ए-हिंद मौलाना अरशद मदनी ने जताई आपत्ति

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Maulana Arshad Madani

Waqf Act: केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट (Waqf Act) 2013 में लगभग 40 संशोधनों के साथ नया वक्फ संशोधन विधेयक 2024 संसद में पेश करने का निर्णय लिया है। हालांकि, इन संशोधनों के विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस संशोधन विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताई है। मौलाना मदनी ने अपने बयान में कहा कि आशंका जताई जा रही है कि इन संशोधनों के जरिए केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों की स्थिति और स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रही है, जिससे उन पर कब्जा करना आसान हो सके और मुस्लिम वक्फ की स्थिति को समाप्त किया जा सके।

वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा पर चिंता

मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ऐसे किसी भी संशोधन को स्वीकार नहीं करेगी, जिससे वक्फ की स्थिति और वक्फकर्ता का उद्देश्य बदल जाए। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों के पुरखों द्वारा धार्मिक और धर्मार्थ कार्यों के लिए दी गईं थीं और सरकार ने केवल उन्हें विनियमित करने के लिए वक्फ एक्ट बनाया है।

वक्फ बोर्डों के अधिकारों पर हमला

मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि यदि कोई संशोधन वक्फ संपत्तियों की स्थिति या स्वभाव को बदल देता है या वक्फ बोर्डों के अधिकारों को सीमित करता है, तो जमीयत उलेमा-ए-हिंद इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार विभिन्न बहानों और हथकंडों से मुसलमानों को अराजकता और भय में रखने के लिए नए कानून ला रही है, जो शरई मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।

संवैधानिक अधिकारों का हनन

मौलाना मदनी ने कहा कि यह एक प्रकार से मुसलमानों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों में जानबूझकर किया गया हस्तक्षेप है। संविधान ने हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता और अपने धार्मिक कार्यों के पालन करने का अधिकार दिया है। मौलाना मदनी ने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों को दी गई इस धार्मिक स्वतंत्रता को छीनना चाहती है।

वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा की गारंटी

मौलाना मदनी ने कहा कि वक्फ संपत्तियां अल्लाह के लिए समर्पित होती हैं और सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर मुसलमानों की अरबों-खरबों की संपत्तियों को हड़प लेना चाहती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अतीत में यूसीसी, तलाक और नान-नफका के मुद्दों पर भी सरकार ने हस्तक्षेप किया है।

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद वक्फ एक्ट 2013 में ऐसे किसी भी संशोधन को स्वीकार नहीं करेगी, जिससे वक्फ संपत्तियों की स्थिति या स्वभाव बदल जाए या कमजोर हो जाए। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए तैयार हैं, क्योंकि जमीयत उलेमा-ए-हिंद अपने पुरखों की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

मुसलमानों का आह्वान

मौलाना मदनी ने कहा कि भारत के मुसलमान सरकार की हर उस योजना के खिलाफ होंगे, जो वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देती हो और जिसका प्रयोग वक्फकर्ता की इच्छा के खिलाफ होता हो। उन्होंने सभी मुसलमानों से अपील की कि वे एकजुट होकर सरकार के इस कदम का विरोध करें और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करें। इस प्रकार, मौलाना अरशद मदनी ने केंद्र सरकार के वक्फ एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है और इसे मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का हनन बताया है। अब देखना होगा कि सरकार इन आपत्तियों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और यह मुद्दा आगे किस दिशा में जाता है।

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