Bharat Ratna: जाने माने राजनेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. पीएम मोदी ने इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है. लालकृष्ण आडवाणी का भाजपा की नींव से राम मंदिर आंदोलन तक भारतीय राजनीति में बहुत ही अहम योगदान रहा है. भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है.
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आडवाणी BJP के दूसरे बड़े नेता जिन्हें मिला ‘भारत रत्न’
पीएम मोदी के पिछले 2 साल के कार्यकाल में कई दिग्गजों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के दूसरे बड़े नेता हैं, जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा. इससे पहले पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
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congress की प्रतिक्रिया आई सामने
लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने खुशी जाहिर की है, तो वही कांग्रेस की भी इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि वह देश के वरिष्ठ नेता हैं हमारी तरफ से भी उन्हें शुभकामनाएं.
क्या बोले अजय राय ?
उसके बाद उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन सिर्फ एक ही पार्टी के नेताओं को भारत रत्न नहीं मिलना चाहिए. अनेक लोगों का भी देश के लिए योगदान है. राय ने कहा कि वह नेता भी भारत का सर्वोच्च सम्मान पाने के हकदार हैं .
कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा…
इसी कड़ी में आगे महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि उन्होंने तो सुना था कि मोहन भागवत को भारत रत्न दिया जा रहा है. इसी के साथ उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी को शुभकामनां दी और कहा कि मोहन भागवत को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.
क्या बोले उदित राय ?
कांग्रेस नेता उदित राय ने कहा कि अडवाणी को सरकारी सम्मान दिया है, लेकिन 10 सालों में वास्तविक सम्मान नहीं दिया.पीएम मोदी उन्हें मंच पर नजरअंदाज करते रहे. उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनाया.
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नितिन गडकरी ने दी बधाई
एक तरह जहां कांग्रेस आडवाणी को बधाई देने के साथ भाजपा पर तंज कस रही है, वहीं दूसरी ओर कई दिग्गज आडवाणी को बधाई दे रहे है. भाजपा के संस्थापक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद सबसे पहली प्रतिक्रिया केन्द्रीय मंत्री तथा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की आई है. नितिन गडकरी ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा है कि भारत के वरिष्ठतम नेता हमारे मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न देने की घोषणा अत्यंत सुखद तथा आनंददाई घोषणा है। उन्होंने कहा कि इस घोषणा के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा के लिए थैंक्यू मोदी जी।
CM मोहन यादव ने कहा..
मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा “हमारे मार्गदर्शक श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने का निर्णय हम सभी के लिए प्रसन्नता का विषय है. श्रद्धेय आडवाणी जी का जीवन हम सभी के लिए साहस, त्याग, देशप्रेम और राष्ट्रसेवा का एक अनूठा उदाहरण है. हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए उनका जीवन प्रेरणा पुंज के समान है. इस अभूतपूर्व निर्णय हेतु यशस्वी प्रधानमंत्री का हार्दिक अभिनंदन.
कैसा रहा लालकृष्ण आडवाणी सफर ?
लालकृष्ण आडवाणी का जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरु होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के रुप में देश की सेवा करने तक का है. आडवाणी सबसे लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे है, ये भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे है. आडवाणी को व्यापक रूप से महान बौद्धिक क्षमता, मजबूत सिद्धांतों और एक मजबूत और समृद्ध भारत के विचार के प्रति अटूट समर्थन वाले व्यक्ति के रूप में माना जाता है.
यूपी की सियासी की बदल दी तस्वीर
आपको बताते है लाल कृष्ण आडवाणी की उस राम रथ यात्रा के बारे में, जिसने यूपी की सियासी तस्वीर और तकदीर दोनों बदल कर रख दी. साल 1990 की 25 सितंबर को आडवाणी की अगुवाई में गुजरात स्थित सोमनाथ से यूपी स्थित अयोध्या के लिए एक यात्रा निकली थी, इसे नाम दिया गया – राम राथ यात्रा. रथ यात्रा शुरू करने के बाद आडवाणी ने एक संबोधन दिया और इसी में उन्होंने कहा था- सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे. इस रथ यात्रा में आडवाणी के तब नरेंद्र मोदी भी साथ थे.
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