Hindenburg Research: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर से पूरे भारतवर्ष में तहलका मचा दिया है। इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह ने रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए सभी आरोपों को खारिज किया है। समूह ने कहा कि सेबी (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Butch) के साथ उसका कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है, जैसा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है। अडानी (Adani) समूह ने शनिवार देर शाम जारी की गई रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि जिन व्यक्तियों या मामलों का जिक्र किया गया है, उनसे उसका कोई कमर्शियल संबंध नहीं है। अडानी समूह ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उसकी विदेशी होल्डिंग्स का ढांचा पूरी तरह से पारदर्शी है।
पिछली रिपोर्ट से भी मचा था हड़कंप
यह मामला नया नहीं है। लगभग डेढ़ साल पहले जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ पहली रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें समूह पर शेयरों के भाव चढ़ाने और फंड हेराफेरी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। उस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और उसकी कंपनियों के मार्केट कैप में 80 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी।
आरोपों का किया खंडन
बाजार नियामक सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच शुरू की थी। सेबी की इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक समिति द्वारा की गई। हालांकि, सेबी को अभी तक हिंडनबर्ग के आरोपों को साबित करने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। सेबी ने हाल ही में हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अडानी समूह के साथ कमर्शियल कनेक्शन का आरोप लगाया गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने संयुक्त बयान जारी कर इन आरोपों को चरित्रहत्या का प्रयास बताया है।
शिवसेना ने केंद्र सरकार पर निशाना
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सेबी प्रमुख पर लगे आरोपों से यह साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं। राउत ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इसे भ्रष्टाचार का संकेत बताया है।
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नए आरोपों से बढ़ा विवाद
हिंडनबर्ग का नया आरोप है कि सेबी प्रमुख के कथित कनेक्शन के चलते अडानी समूह की जांच सही से नहीं हो पाई है। अडानी समूह और सेबी प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन मामला अब और गंभीर हो गया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नए खुलासे होते हैं और किस तरह की कार्रवाई की जाती है। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि हिंडनबर्ग और अडानी समूह के बीच का विवाद अभी खत्म होने वाला नहीं है। अडानी समूह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, लेकिन हिंडनबर्ग के नए आरोपों ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सेबी और केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और आगे की जांच कैसे होती है।
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