कावड़ यात्रा पर Yogi सरकार के नए फरमान को लेकर NDA में खटपट, विपक्ष ने साधा निशाना

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
एनडीए में खटपट

CM Yogi News: चुनाव के बाद से ही एनडीए (NDA) के सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नाराज चल रहे हैं। इस नाराजगी की वजहें कई हैं, लेकिन हालिया विवाद का केंद्र कावड़ यात्रा (Kavad Yatra) के संबंध में जारी नया आदेश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi adityanath) ने आदेश जारी किया है कि सभी दुकान और ठेले वाले अपनी दुकान के आगे नाम की नेम प्लेट लगाएं, जिससे कावड़ यात्री जान सकें कि वे किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। इसके अलावा, दुकान के मालिक को अपनी पहचान बताना भी अनिवार्य किया गया है।

Read more: UPSC अध्यक्ष Manoj Soni का इस्तीफा, कार्यकाल पूरा होने से पहले निजी कारणों से पद छोड़ा

विपक्ष और सहयोगियों का विरोध

इस आदेश के बाद विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया है। गठबंधन के साथी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने भी इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। आरएलडी के प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि कांवड़ियों को व्यवस्था मुहैया कराना चाहिए, लेकिन दुकानदारों को अपना नाम लिखने के लिए बाध्य करना उचित नहीं है।

आरएलडी (RLD) के महासचिव त्रिलोक त्यागी (trilok tyagi) ने भी इस फैसले की खुलकर आलोचना की। उन्होंने कहा, “क्या शराब पीने से धर्म भ्रष्ट नहीं होता है? सिर्फ मांस खाने से होता है?” उन्होंने जोर देकर कहा कि मुसलमानों को कावड़ यात्रा का स्वागत करना चाहिए, और यह कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम कावड़ यात्रियों पर फूल बरसाते हैं।

Read more: MP News: ग्वालियर में नौवीं की छात्रा से गैंगरेप, सोशल मीडिया पर वायरल किया वीडियो

राजनीतिक निहितार्थ

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की एकमात्र सहयोगी पार्टी आरएलडी है, और उनकी राजनीति में मुस्लिम वोटरों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में पार्टी को डर है कि यह फैसला उनके लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदायक साबित हो सकता है। यही कारण है कि आरएलडी ने योगी सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है। अब सवाल यह है कि क्या योगी सरकार अपने सहयोगियों के दबाव में आकर यह फैसला वापस लेगी?

Read more:36.50 करोड़ पौधों के साथ नया रिकॉर्ड बनाएगा UP, CM योगी करेंगे पौधारोपण का शुभारंभ

भाजपा नेताओं की सफाई

इस मामले में भाजपा (BJP) नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि यह आदेश संविधान की धार्मिक आस्था का सम्मान और संरक्षण करने के उद्देश्य से है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई “बजरंग ढाबा” है और वहां मांस मिलता है, तो लोग स्वाभाविक रूप से आपत्ति करेंगे। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने भी शुरू में इस आदेश के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए, लेकिन बाद में नरम पड़ गए। उन्होंने कहा कि किसी को भी कम्युनल कंफ्यूजन क्रिएट करने की जरूरत नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। लोग सुरक्षा और श्रद्धा के साथ अपनी आस्था को आगे बढ़ा सकें, इसलिए इसमें किसी प्रकार का कोई भी कंफ्यूजन क्रिएट करने की जरूरत नहीं है।

Read more: Bangladesh: सुलग रहा ढाका! सड़कों पर छात्रों का उग्र विरोध, मौत का आंकड़ा 100 के पार, हजारों घायल

पुलिस प्रशासन का नया आदेश

विपक्ष और सहयोगी दलों के विरोध के बाद पुलिस प्रशासन ने एक और आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि दुकानों और ढाबों के बाहर उनके मालिक अपनी इच्छा से अपने नाम की नेम प्लेट लगा सकते हैं। यह विवाद न केवल योगी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि एनडीए (NDA) गठबंधन के भीतर दरार को भी उजागर करता है। आरएलडी का विरोध यह दर्शाता है कि सहयोगी दलों के बीच विचारधारात्मक मतभेद बढ़ रहे हैं। इस विवाद का राजनीतिक प्रभाव आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है, विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां मुस्लिम वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

योगी सरकार को चाहिए कि वह सहयोगी दलों के साथ संवाद स्थापित करे और एक समाधान निकाले जो सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हो। कावड़ यात्रा के दौरान धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए, सामाजिक सौहार्द बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि राजनीतिक निर्णयों को संवेदनशीलता और समझदारी से लेना जरूरी है, ताकि समाज में विभाजन और तनाव न बढ़े।

Read more: Microsoft सर्वर ठप, दुनियाभर में यूजर्स परेशान, Elon Musk ने कहा-सब बंद X चालू

Share This Article
Exit mobile version