गायों के पैरों तले खुद को कुचलने की परंपरा, यहां देखें वीडियो..

Mona Jha
By Mona Jha

MP के उज्जैन में बड़नगर रोड स्थित गांव भीड़ावद में सालों से एक ऐसी अनोखी परंपरा चली आ रही है , जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएगें । दरअसल चार हजार की आबादी वाले गांव में दीपावला के दुसरे दिन दर्जनों लोग मन्नत लेकर आते हैं और खुद जमीन पर लेट कर अपने ऊपर दर्जनों से अधिक गायों को छोड़वा लेते है। बता दें किद दर्जनों गाय जमीन पर लेटे लोगों के ऊपर से गुजरजाती है।वहीं इस मंजर को देखने के लिए सालों से इतंजार करते है और इस दिन इस मंजर को देखने के लिए हर साल गांव में हजारों लोग की भीड़ जमा होते हैं।

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दिवाली के अगले दिन लगता है मेला..

बता दें कि इस गांव में यह परंपरा कब शुरू हुई किसी को याद नहीं लेकिन यहां के बुजुर्ग हों या जवान सभी यह देखकर बड़े हुए हैं।वहीं इस गांव और आसपास के इलाकों के लोग यहां आते हैं जिन्हें मन्नत मांगनी होती है या जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है।आपके जानकारी के लिए बता दें कि यहां के जब अपने ऊपर गायों को छोड़वाते है उससे पहले दीपावली के पांच दिन पहले ही ग्यारस के दिन अपना घर छोड़ देते हैं और यहां माता भवानी के मंदिर में आकर रहने लगते हैं, इसके साथ दिवाली के अगले दिन फिर ये मेला लगता है।

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देखें वीडियो : https://x.com/primetvindia/status/1723953759502631145?s=20

वहां के निवासी बताते हैं कि..

वहीं जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है, वहां गायों के सामने जमीन पर लेट जाते हैं। इस साल भी गांव के सात लोगों ने मन्नत मांगी थी जिन लोगों की मन्नत पूरी हो गई वह गांव के रास्ते पर लेट जाते हैं फिर उनके ऊपर से गायों को गुजारा जाता है। वहां के निवासी बताते हैं, कि परंपरा वर्षों से चली आ रही है गांव के लोग भेरू पढ़ते हैं, मन्नत मांगते हैं और मंदिरों में रहते हैं। आज तक किसी प्रकार की कोई हानि नहीं हुई है। गांव के एक अन्य निवासी बताते हैं कि जब गाय हमारे ऊपर से गुजरती है, तब हमें फूल सा महसूस होता है। हम 5 दिन पहले से ही मंदिरों में रहते हैं, गाय का दूध पीते हैं और कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है।

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