फ्रांस में स्थिति अब और भी बेकाबू, एक शहर में कर्फ्यू लगा…

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

Input-Mayuri
फ्रांस: फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक उपनगर में एक जांच चौकी पर पुलिस द्वारा एक लड़के की गोली मारकर हत्या के बाद हिंसक विरोध लगातार जारी है…अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ इलाकों में कर्फ्यू तक लगाने और यातायात रोकने का फैसला लिया गया है…दंगों को रोकने के लिए पेरिस के उपनगर क्लैमार्ट में 29 जुलाई से 3 जुलाई तक कर्फ्यू लगाया गया है….पेरिस क्षेत्र में रात 9 बजे से बसें और ट्रेनें रोक दी गई हैं।

फ्रांस के इले-डी-फ्रांस क्षेत्र में पेरिस के ठीक दक्षिण में क्लैमार्ट में स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि 29 जुलाई से 3 जुलाई तक हर दिन रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा…पिछले मंगलवार को उत्तरी अफ्रीका मूल के नाहेल नाम के 17 वर्षीय किशोर की पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक चौकी पर पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी थी…

पुलिस का दावा है कि निर्देशों का पालन किए बिना भागते समय किशोर को गोली मारी गई… हालांकि, सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में देखा गया कि दो पुलिस अधिकारी कार को रोकने की कोशिश कर रहे थे..उनमें से एक ने कार की खिड़की से ड्राइवर पर हथियार तान दिया। जब ड्राइवर गाड़ी चलाने लगा तो पुलिस अधिकारी ने नजदीक से गोली चला दी..कुछ ही मीटर की दूरी पर कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

Read More: दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश! मंदिर के बाहर फेंका भैंस का कटा सिर…

देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू

इस घटना के बाद पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए…इस स्थिति में, कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू जारी किया गया है, क्लैमार्ट शहर के अधिकारियों ने ट्विटर पर कहा। इस बीच, पेरिस क्षेत्र के प्रमुख वैलेरी पेक्रेसे ने परिवहन और श्रमिक सुरक्षा की चिंता से बस और रेल सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा की…

इस अचानक घोषणा से राजधानी और इसके उपनगरों में हजारों यात्रियों को निश्चित रूप से परेशानी होगी.. वैलेरी ने एक ट्वीट में कहा, हमारे परिवहन को गुंडों और उपद्रवियों द्वारा निशाना नहीं बनाया जा सकता..इस साल फ्रांस में ट्रैफिक चेकपॉइंट पर पुलिस की गोलीबारी में यह दूसरी मौत है…पिछले साल ऐसी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 13 थी…

शिकायत है कि पुलिस की गोली का शिकार हुए किशोर नेहाल के एक पड़ोसी ने बताया कि उनका परिवार अल्जीरिया से आया था। गणना के अनुसार, 2017 के बाद से, पुलिस चौकियों पर पुलिस द्वारा गोली मारे गए अधिकांश लोग काले या अरब मूल के थे, इस वजह से यह मामला अब पुलिस के रंगभेदी व्यवहार के साथ जुड़ गया है।

Share This Article
Exit mobile version