Bihar में पुल ढहने की घटनाओं का सिलसिला जारी; बारिश के चलते एक और पुलिया ध्वस्त, ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
bihar bridge collapse

Bihar Bridge Collapse: बिहार (Bihar) के पूर्वी चंपारण के मधुबन प्रखंड की कोइलहरा पंचायत के लोहरगांवा गांव में बनी आरसीसी पुलिया शनिवार देर शाम अचानक धराशायी हो गई। चार दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते पुलिया ध्वस्त हो गई, जिससे ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष ही अत्यधिक वर्षा के कारण पुलिया कमजोर हो गई थी।

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वित्त आयोग के तहत बनी थी पुलिया

वर्ष 2019 में 14वीं वित्त आयोग के तहत करीब 2 लाख रुपये की लागत से इस आरसीसी पुलिया का निर्माण किया गया था। पांच साल पूरे होने से पहले ही पुलिया का ध्वस्त होना निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों ने तत्कालीन अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता की जांच सही तरीके से नहीं की। पंचायत की मुखिया कृष्णा देवी के प्रतिनिधि शिव शंभू कुशवाहा ने बताया कि जर्जर पुलिया को पुनः निर्माण के लिए पंचायत की योजना में शामिल किया गया है, लेकिन तकनीकी परेशानी के कारण इसमें समय लग सकता है।

बिहार में पिछले एक सप्ताह में लगातार पुल ढहने की घटनाओं पर नीतीश सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। सारण में एक पुल गिरने के एक दिन बाद ही 14 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो सप्ताह के भीतर सभी निर्माणाधीन और पुराने पुलों की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है।

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ग्रामीणों में भय का माहौल

पुलिया ध्वस्त होने से लोहरगांवा वार्ड संख्या चार के ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो गया है। सौभाग्य से इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन ग्रामीण अब भयभीत हैं। तेज बहाव के कारण पुल ध्वस्त हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में चिंता का माहौल है। लोग अब आवागमन कैसे करेंगे, इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

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बैक-टू-बैक गिर रहे पुल

सिवान में बैक-टू-बैक तीन पुलों के गिरने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। पहली घटना महाराजगंज अनुमंडल के पटेड़ा गांव और देवरिया गांव के बीच की है, जहां गंडक नदी पर बना 35 साल पुराना पुल का एक पाया धंसने लगा और देखते ही देखते पुल नदी में समा गया। इन घटनाओं ने सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। ग्रामीण आशंकित हैं कि कहीं और पुल भी न गिर जाएं। इन घटनाओं के बाद सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को पुलों की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए था। इसके अलावा, पुराने पुलों की नियमित जांच और मरम्मत की जानी चाहिए थी ताकि ऐसी घटनाएं न हों।

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नीतीश कुमार का निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पुल ढहने की घटनाओं पर गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि सभी निर्माणाधीन और पुराने पुलों की निरीक्षण रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पुलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। बिहार में पुल ढहने की घटनाओं ने ग्रामीणों के जीवन को कठिन बना दिया है। सरकार को इन घटनाओं से सबक लेकर पुलों की गुणवत्ता और मरम्मत पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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