RBI MPC Meet 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने तीन दिन की बैठक के बाद रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यह जानकारी दी। हर दो महीने के बाद होने वाली इस बैठक में समिति द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। अगस्त में 6 तारीख से शुरू हुई बैठक के निर्णय का एलान किया गया। मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक जो जून में हुई थी, उसमें भी एमपीसी के छह में से चार सदस्यों ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया था। जयंत वर्मा और आशिमा गोयल ने नीतिगत रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती और रुख में बदलाव के लिए मतदान किया था।
विकास दर 7.2% पर रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने 6, 7 और 8 अगस्त को हुई बैठक में 4:2 के बहुमत से नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया। आरबीआई ने दूसरी तिमाही के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान 4.4% कर दिया है। तीसरी तिमाही के लिए इसे 4.7% और चौथी तिमाही के लिए 4.4% रखा गया है। वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई दर अनुमान 4.4% रखा गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर 7.2% पर बरकरार रहने का अनुमान है।
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बैंकों को डिपॉजिट में वृद्धि पर देना होगा ध्यान

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश के बैंकों के सामने फंडिंग एक चुनौती बनी हुई है। ऐसे में बैंकों को घरेलू बचत को बढ़ावा देना चाहिए। बैंकों को डिपॉजिट में बढ़ोतरी के लिए काम करना होगा। मौद्रिक नीति समिति का रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और महंगाई पर नियंत्रण के प्रयास को दर्शाता है। हालांकि, आम जनता को ऋण की ईएमआई में राहत न मिलने से थोड़ी निराशा हो सकती है। सरकार और आरबीआई को मिलकर महंगाई और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाना होगा।
महंगाई दर पर आरबीआई की नजर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई को लेकर केंद्रीय बैंक सतर्क है। उम्मीद है कि मुद्रास्फीति कम होगी। उन्होंने कहा कि महंगाई दर 4% पर लाने की आरबीआई की कोशिश जारी है। दास ने कहा कि खाद्य महंगाई दर अब भी चिंताजनक स्थिति में है। एमएसएफ रेट 6.75% पर बरकरार है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता दिख रही है। हालांकि दुनियाभर में महंगाई में कमी आ रही है। सेंट्रल बैंक अर्थव्यवस्था की स्थिति के आधार पर ब्याज दरों पर फैसला ले रहे हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती कायम है। सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन काफी बेहतर हुआ है। सेवा क्षेत्र और निर्माण क्षेत्र में मजबूती जारी है।
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रेपो रेट क्या है?
रेपो रेट (Repo Rate) वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों को अल्पावधि के लिए धन उधार देता है। जब बैंकों को धन की आवश्यकता होती है, तो वे अपनी प्रतिभूतियों को आरबीआई के पास जमा करके धन उधार लेते हैं और इसके बदले में ब्याज चुकाते हैं। इस ब्याज दर को रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों की ब्याज दरों पर पड़ता है।
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