संसद में गूंजा कुत्तों के आतंक का मुद्दा BJP सांसद ने मरने वालों का आंकड़ा पेश कर चौंकाया

Mona Jha
By Mona Jha

Loksabha News: मंगलवार को संसद में कुत्तों के काटने के मामलों पर चर्चा की गई, जब गाजियाबाद से बीजेपी सांसद अतुल गर्ग ने इस गंभीर मुद्दे को उठाया। सांसद ने संसद में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के आधार पर बताया कि देशभर में साढ़े 30 लाख लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए हैं, जिनमें से 286 लोगों की मौत हो चुकी है। सांसद ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि अगर ये आंकड़े सही हैं, तो गाजियाबाद में अकेले एक साल में 35 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा है।

विशेष रूप से, छोटे-छोटे बच्चे इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। यह आंकड़ा गाजियाबाद में स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है और इससे संबंधित स्वास्थ्य और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता को बल देता है। सांसद ने सरकारी एजेंसियों से तत्काल प्रभावी उपायों की मांग की है ताकि इस गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।

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शहर में डर का माहौल

सांसद ने लोकसभा में एक अखबार में खबर छपी र‍िपोर्ट का हवाला देते हुए कहा क‍ि गाज‍ियाबाद में एक बच्‍चे का कान कुत्‍ते ने काट ल‍िया।चार द‍िन पहले एक खबर आई थी क‍ि रेबीज के चलते एक बच्‍चे की दर्दनाक मौत हुई। अगर कुत्‍ता पालतू हो और वो क‍िसी को काट ले तो इसके ल‍िए उसका माल‍िक ज‍िम्‍मेदार होता है। प्राइवेट कुत्‍ता गंदगी करे तो इसके ल‍िए भी कोई ज‍िम्‍मदार होता है। पर कोई आवारा कुत्‍ता काट ले तो इसके ल‍िए काटने वाले शख्‍स के सामने काई कुत्‍ता प्रेमी नहीं आता है और उसे बचाने के ल‍िए नहीं आता है।

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कुत्‍तों के काटने से मरने वाले लोगों की संख्‍या बढ़ क्‍यों रही है?

बीजेपी एमी अतुल गर्ग ने कहा क‍ि आपसे न‍िवेदन है क‍ि पहले भी संसद के अंदर और सुप्रीम कोर्ट के अंदर बहुत सारे मामलों पर पुनर्व‍िचार हुआ है। ऐसे न‍ियम बनाए गए है क‍ि कुत्‍ते की नसबंदी की गई है तो उसे फ‍िर से वहीं छोड़ना होता है। मेरे शहर के बच्‍चे खेल नहीं सकते हैं और लोग घूम नहीं सकते हैं। एक आतंक का वातावरण शहर में बना हुआ है और भी जगह बना हुआ होगा।

इस दौरान उन्होंने आगे कहा किअध्‍यक्ष महोदय आपसे न‍िवेदन है क‍ि इस पर दोबारा से कमेटी बनाकर दोबारा व‍िचार होना चाह‍िए. जो यह कह रहे हैं क‍ि एबीसी कार्य अच्‍छा चल रहा है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं क‍ि कुत्‍तों काटने और उनसे मरने वाले लोगों की संख्‍या बढ़ क्‍यों रही है? इन न‍ियमों में पशु प्रेमी और मानव की स्‍वतंत्रता के बीच में कोई न कोई असंतुलन है। सरकार हो और कोई भी कोर्ट हो मानवता को प्राथम‍िकता म‍िलनी चाह‍िए। आपसे न‍िवेदन है क‍ि इस व‍िषय पर एक कमेटी ना दे।

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पालतू कुत्तों के काटने के चिंताजनक आंकड़े

वहीं, नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम की डिस्ट्रिक्ट मंथली रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2024 में डोग बाइट के 6890 मामले सामने आए हैं। इसमें आवारा कुत्तों की डॉग बाइट के 5197 और पालतू कुत्तों की बाइट के 1693 मामले सामने आए हैं। जबकि मई 2024 में 8664 मामले डॉग बाइट के सामने आए हैं। जिसमें 7029 मामले आवारा कुत्तों की डॉग बाइट के हैं जबकि 1635 मामले पालतू कुत्तों की डॉग बाइट के हैं।

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