Shri Ram के बालरुप की मूर्ति,शालिग्राम पत्थर का इस्तेमाल,आखिर मूर्ति काली या श्यामल क्यों ?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण मे पहुंच चुकी है। श्रीराम की नगरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अयोध्या की जो भी तस्वीरें सामने आ रही हैं वो हर किसी का मन मोह लेने वाली हैं। 22 जनवरी को वो ऐतिहासिक पल होगा, जिसका सभी रामभक्त बहुत ही बेसब्री से इंतजार कर रहे है। इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

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आखिर श्री राम की मूर्ति काली या श्यामल क्यों ?

सोशल मीडिया पर भगवान राम की मूर्ति की तस्वीर खूब तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें श्री राम के बालरुप की मूर्ति में श्यामल पत्थर से तैयार की गई है। लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल जरुर आया होगा कि आखिर श्री राम की ये मूर्ति काली या श्यामल क्यों है? तो इसका जवाब आज आपको इस लेख में देंगे।

मूर्ति का निर्माण शिला पत्थर से किया

प्रभु श्री राम की मूर्ति का निर्माण शिला पत्थर से किया गया है। निर्माण में इस्तेमाल किए गए काले पत्थर को कृष्ण शिला भी कहा जाता है। जिसकी वजह से भी रामलला की मूर्ति श्यामल है। जिस पत्थर से रामलला की मूर्ति का निर्माण हुआ है, उसमे कई गुण हैं। वह पत्थर कई मायनों में बेहद खास है। बता दे कि मूर्ति के निर्माण में इस पत्थर का उपयोग करने के पीछे एक वजह ये भी है कि जब रामलला का दूध से अभिषेक होगा तो दूध के गुण में पत्थर की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा। उस दूध का उपभोग करने पर स्वास्थ्य पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है। साथ ही ये हजार से भी अधिक वर्षों तक यूं ही रह सकता है। यानी कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।

भगवान राम के स्वरूप को श्याम वर्ण में ही वर्णित किया

इसके अलावा वाल्‍मीकि रामायण में भगवान राम के स्वरूप को श्याम वर्ण में ही वर्णित किया गया है। इसलिए, यह भी एक वजह है कि रामलला की मूर्ति का रंग श्यामल है। साथ ही रामलला का श्यामल रूप में ही पूजन होता है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान श्री रामलला की जो मूर्ति बनी है, वह पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि मूर्ति 51 इंच की है और रामलला की मूर्ति का निर्माण काले पत्थर से किया गया है। रामलला की मूर्ति में भगवान के कई अवतारों को भी दर्शाया गया है।

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