सावन का पहला दिन: प्राचीन दुदेश्वरनाथ मन्दिर में भगवान भोलेनाथ का किया गया भव्य श्रृंगार…

Shobhna Rastogi
By Shobhna Rastogi

प्रवीन मिश्रा गाजियाबाद

सावन का पहला दिन: मंगलवार से सावन के पवित्र महीने की शुरूआत हो चुकी है। सावन में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि सावन मास और सावन सोमवार को विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास का विशेष महत्व है। शास्त्रों में सावन का महीना धार्मिक कार्य और पूजा पाठ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। सावन के महीने में गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है। दूधेश्वर नाथ मंदिर में आज सावन मास का पहला दिन था जिस अवसर पर दुधेश्वर नाथ मंदिर में प्रातः काल भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार किया गया साथ ही आरती पूजन और भव्य श्रृंगार भी किया गया।

दुधेश्वर नाथ मंदिर में मन्त्रोउच्चारण के साथ किया गया जल अभिषेक

मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी महाराज ने वैद विद्यापीठ के आचार्य एवं छात्रों द्वारा मन्त्रोउच्चारण के साथ भगवान शिव का पंचामृत द्वारा अभिषेक किया।


श्रावण मास को सर्वोत्तम मास माना गया है।पौराणिक कथाओं में वर्णन किया गया है कि इसी सावन मास में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मथने के बाद जो हलाहल विष निकला,उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम ‘नीलकंठ महादेव’पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने भगवान शिव पर जल अर्पित किया।

Read More:-फिर प्रचार में अभिनेत्री-नेता सायनी घोष, पार्टी दे रहे साथ खड़े रहने का संदेश?

श्रवण मास में प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर कमेटी द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है। आज सावन के पहले दिन भी दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता हुआ दिखाई दिया ।

श्रद्धालुओं के लिए की गई खास व्यवस्था

महंत नारायण गिरी के मुताबिक सावन को लेकर अधिकांश तैयारियां पूरी कर ली गई है। मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। आसपास की सड़कों की भी मरम्मत कराकर दुरुस्त करवाया गया है। मंदिर के आसपास के दायरे में लगे हैंडपंप को दुरुस्त कर सुचारू किया गया है। विभिन्न प्रकार की व्यवस्था और भक्तों की सेवा करने के लिए 50 टीमें बनाई गई हैं। एक टीम में 10 कार्यकर्ता है,जोंकि सावन के विशेष दिनों में खासकर सोमवार को मंदिर की व्यवस्था को संभालेंगे।

Share This Article
Exit mobile version