रेलवे की परमिशन पर अवैध खनन का खेल, वैध बनाने में अधिकारियों की मिली भगत

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में अवैध खनन का खेल इस तरह से चलाया जा रहा है कि वो कानूनी रूप से वैध लगे। खनन माफियाओं ने इस तरह का खेल किया है कि सरकारी वर्क आर्डर की आड़ में राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में खनन करके ठेकेदार प्रतिदिन सैकड़ों डंपर मिट्टी प्राइवेट स्थानों पर बिक्री कर लाखों रुपए का खेल कर रहें है लेकिन इसे रोकने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है। यह खेल किसी एक जगह पर नही हो रहा है बल्कि राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज व पीजीआई तथा गोसाईगंज व बंथरा तथा बिजनौर तथा सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्रों में सुनियोजित तरीके से धड़ल्ले से चल रहा है।

खुले आम चल रही खनन माफियाओं की धांधली

आपको बताते हैं कि तहसील मोहनलालगंज के ग्राम बरवलिया में रेलवे की परमिशन की आड़ में खनन कर मोहनलालगंज, सिसेंडी, बिजनौर व आशियाना में प्राइवेट प्लाटिंग व निजी जगहों पर बेची जा रही मिट्टी। मोहनलालगंज में नो एंट्री के बावजूद धड़ल्ले से निकल रहे मिट्टी लदे डंपर मोहनलालगंज तहसील प्रशासन पुलिस व ट्रैफिक के जवान नहीं दे रहे हैं। वहीं खनन कराने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि वह दिन और रात धरती का सीना फाड़कर मिट्टी खोदकर निकाल रहें हैं, उनको रोकने वाला कोई नहीं क्योंकि खनन विभाग के अधिकारी तो मौज में मस्त हैं यदि कोई क्षेत्रवासी फोन पर शिकायत करता भी है तो उसे फटकार लगाते हुए चुप करा दिया जाता है।

रेलवे के अधिकारी और ठेकेदार साथ पुलिस कार्मी का भी है हाथ

ग्राम पंचायत बरवलिया के इंद्रजीत खेड़ा में सैकड़ों मिट्टी लदे डंपर दिन रात अवैध रूप से मिट्टी ले जाते दिखाई देते हैं। रेलवे ने कितनी मिट्टी खोदने का ठेका दिया है जो कई माह से सैकड़ों डंपर ढो नहीं पाएं हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है। दरअसल सारा खेल मिली भगत से चल रहा हैं। रेलवे के अधिकारी और ठेकेदार तथा खनन अधिकारी साथ ही पुलिस कर्मियों की भी मिली भगत साफ समझ में आती है इतने मिट्टी लदे डंपर अपने निर्धारित स्थान से अन्य स्थानों तक नहीं पहुंच सकते? एक दो दिन तो हो सकता है पर महीनों तक नहीं हो सकता।

मोहनलालगंज कस्बे से लखनऊ की ओर नो एंट्री होने के बावजूद ट्रैफिक कर्मियों की मिलीभगत से प्रतिदिन भारी संख्या में डम्फर को निकाला जा रहा है। यह डम्फर पीजीआई इलाको में मिट्टी बेच लेते है। इन्ही खनन करने वालो की वजह से आज ग्रामीण क्षेत्र के कई मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो चुके है।

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वहीं मिली जानकारी के मुताबिक आज तक शासन और प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की क्या अवैध खननकर्ताओं की पहुंच के आगे शासन प्रशासन नतमस्तक हैं। क्या इसी तरह अवैध खनन को वैध बना कर मिट्टी का बेतहाशा खनन होता रहेगा। यदि यूपी सरकार जिले की सही जांच कराएं तो खनन माफियाओं सारी हकीकत खुलकर सामने आ जायेगी और कई अधिकारियो की संलिप्तता उजागर होगी।

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