Bangladesh में फिर भड़की हिंसा की आग,अब निशाने पर SC के चीफ जस्टिस, मजबूरन देना पड़ा इस्तीफा

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Bangladesh में फिर भड़की हिंसा की आग
Bangladesh में फिर भड़की हिंसा की आग

Bangladesh: बांग्लादेश (Bangladesh) में शनिवार को एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस बार प्रदर्शनकारियों ने ढाका स्थित सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया और चीफ जस्टिस समेत सभी जजों से एक घंटे के भीतर इस्तीफा देने की मांग की है. बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन (Obaidul Hasan) ने बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए न्यायपालिका के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया. वे शाम को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammad Shahabuddin) से परामर्श करने के बाद अपना इस्तीफा सौंपेंगे. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर जज और चीफ जस्टिस इस्तीफा नहीं देते हैं, तो वे उनके आवासों पर हमला कर देंगे. हाल ही में बांग्लादेश में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

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प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा

प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा

शनिवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश (Bangladesh) के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया, जिनमें अधिकांश छात्र थे और वे चीफ जस्टिस के तुरंत इस्तीफे की मांग कर रहे थे. हाल ही में यह खबर आई थी कि चीफ जस्टिस ने फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई है, जिससे प्रदर्शनकारी नाराज हो गए. छात्रों और वकीलों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट की ओर बढ़ने लगे. अब्दुल मुकद्दिम नामक एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि मुख्य न्यायाधीश अंतरिम सरकार को अवैध घोषित करने की साजिश कर रहे हैं.

इस्तीफे और फुल कोर्ट मीटिंग को रद्द करने की मांग की

इस्तीफे और फुल कोर्ट मीटिंग को रद्द करने की मांग की

मुकद्दिम ने डेली स्टार को बताया, “मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट का उपयोग फासीवादी अंतरिम सरकार को अवैध घोषित करने के लिए कर रहे हैं. इसलिए हम उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर में आए हैं.” इसी बीच, अंतरिम सरकार के खेल मंत्रालय के सलाहकार आसिफ महमूद ने भी मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन के बिना शर्त इस्तीफे और फुल कोर्ट मीटिंग को रद्द करने की मांग की. रिपोर्टों के अनुसार, तनाव के बीच चीफ जस्टिस ने जजों की बैठक को स्थगित कर दिया.

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‘छात्रों की मांगों का सम्मान करना चाहिए’

अंतरिम सरकार में कानूनी सलाहकार (मंत्री) प्रोफेसर आसिफ नजरुल (Asif Nazrul) ने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा के लिए मुख्य न्यायाधीश को खुद ही अपने भविष्य का निर्णय करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य न्यायाधीश को छात्रों की मांगों का सम्मान करना चाहिए.

आसिफ नजरुल ने प्रदर्शनकारी की शिकायतों का जिक्र किया

आसिफ नजरुल ने प्रदर्शनकारी की शिकायतों का जिक्र किया

आसिफ नजरुल (Asif Nazrul) ने प्रदर्शनकारी नेताओं की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने छात्रों की शिकायतें देखी हैं. मुख्य न्यायाधीश ने जिस तरह से फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई, वह निरंकुश ताकतों के पक्ष में एक कदम जैसा लग रहा था. इस पर टिप्पणी करने से पहले, मैं कुछ शब्द कहना चाहूंगा. हमारे मुख्य न्यायाधीश बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं, लेकिन इस आंदोलन के दौरान उनके बारे में कई सवाल उठे हैं. जब ओबैदुल हसन विदेश गए थे, तो वे विभिन्न अवामी लीग नेताओं के आवासों पर रुके थे, जिससे विवाद खड़ा हुआ.”

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