400 पार का सपना रहा अधूरा?UP में Rahul-Akhilesh की जोड़ी का दिखा कमाल

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Loksabha Election 2024: साल 2024 के लोकसभा चुनाव के रुझान आने शुरु हो गए है. कहा जाता है जो भी दल यूपी की राजनीति में फतह करता है वह देश में अपनी परचम लहराता है.यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में हर एक सियासी दल की नजर यूपी पर टिकी रहती है. हर एक दल यहां पर अपनी ताकत झोंकने में कोई भी कसर नहीं छोड़ता है. अब बात करते है यूपी की सबसे चर्चित हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक रायबरेली की,जहां पर राहुल गांधी अपना परचम लहराते हुए दिखाई दे रहे है.

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बीजेपी उम्मीदवार ने स्वीकारी अपनी हार

बताते चले कि लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी की हाई-प्रोफाइल सीट रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी चुनावी मैदान में उतरे और उनके सामने बीजेपी की ओर से दिनेश प्रताप सिंह है. आज रुझान सामने आने लगे है और इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी हार स्वीकार करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि उन्होंने रायबरेली के लिए काम किया.

राहुल गांधी दिनेश प्रताप सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे

यूपी की हाई-प्रोफाइल सीट रायबरेली पर राहुल गांधी दिनेश प्रताप सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, जो कभी गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे और उनके निवास पंचवटी से ही किसी भी चुनाव की रणनीति बना करती थी. पांच भाइयों वाले इस परिवार में उनका निवास पंचवटी आज भी रायबरेली में अपना अस्तित्व बनाये हुए हैं. पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में भी सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी की तरफ से दिनेश प्रताप सिंह चुनाव लड़े थे और सोनिया गांधी की जीत का अंतर कम किया था.

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राहुल गांधी एक लाख से अधिक वोटों से आगे

आपको यहां बता दे कि राहुल गांधी एक लाख से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं. लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा झटका NDA को उत्तर प्रदेश में लगता दिख रहा है. दरअसल, अमेठी और रायबरेली सीट का सीधा नाता गांधी परिवार से हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त गांधी परिवार को झटका लगा, जब राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए. हार का अंतर भी करीब 55 हजार वोटों का था. लिहाजा इस बार स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी लोक सभा सीट पर कांग्रेस से गांधी परिवार की जगह उस प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया जो दशकों से चुनाव प्रबंधन का काम देखते चले आ रहे थे. किशोरी लाल शर्मा अमेठी से मैदान में हैं. वजह साफ है अगर किशोरी लाल जीते तो कांग्रेस यह सन्देश देगी कि अमेठी में हम गांधी परिवार के अलावा किसी को भी खड़ा कर दें जीत उसी की होगी.

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