भीड़ का सैलाब ऐसा कि जो एक बार गिरा फिर उठ नहीं सका…पूजा ने सुनाई Hathras में मौत के मंजर की कहानी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
hathras

Hathras Satsang Accident: कहते है ना कि जिंदगी का एक पल का भी भरोसा नहीं है कब क्या हो जाए..बीते दिन यूपी के हाथरस (Hathras) में 116 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत का मंजर देखखर हर किसी की रुह कांप उठ रही है..उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद भगदड़ मचने से 116 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस हादसे में सात बच्चे, एक पुरुष और 108 महिलाएं शामिल हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और राज्य तथा केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

Read More: Hathras हादसे पर PM मोदी ने जताया दुःख,विपक्ष के इन नेताओं ने व्यक्त की संवेदना

फुसफुसाते हुए पूजा ने सुनाई मंजर की कहानी

फुसफुसाते हुए पूजा ने सुनाई मंजर की कहानी

इस घटना की कई कई लोगों ने आंखोदेखी सुनाई..जिनमें से एक है पूजा, जो कि ठीक से बोल तो नहीं पा रही थी..लेकिन अपने होठों से कुछ फुसफुसाते हुए कुछ शब्द निकालते हुए उन्होंने उस भयावह मंजर को बयां किया. पूजा ने बताया कि सत्संग खत्म होते ही भीड़ खेतों से गुजर रही थी. यहां पर एक खेत दूसरे खेत से नीचे था. जहां पर अचानक से भीड़ उमड़ी और उसी भगदड़ में लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे. भीड़ का सैलाब उमड़ता ही गया और लोग बारी-बारी से एक दूसरे के ऊपर गिरते चलसे गए. फिर भीड़ इस कदर बेकाबू हुई कि जो एक बार गिरा, वह उठ नहीं सका. भीड़ लोगों को रौंदते हुए गुजर गई. सत्संग सुनने आई पूजा बताती हैं कि गनीमत यह थी कि वह मौत के धक्के से थोड़ी दूरी पर थीं.

पसीने से तर-बतर और प्यास से व्याकुल लोग

पसीने से तर-बतर और प्यास से व्याकुल लोग

इसी कड़ी में आगे उन्होंने बताया कि जैसे ही बाबा का सत्संग खत्म हुआ..वैसे ही वे मंच से उतरने लगे…उनके उतरते ही वहां मौजूद भीड़ भी तेजी से वहां से बाहर की ओर निकलसे लगी. गर्मी इतनी ज्यादा थी कि लोग पसीने से एकदम तर-बतर थे. ज्यादा से ज्यादा लोग प्यास के भूखे थे. जल्दबाजी में लोग खेत के रास्ते निकले लगे. इसी दौरान पीछे से भीड़ आई तो दो-तीन लोग गिर गए.इसके बाद दोबारा भीड़ उमड़ी और कुछ और लोग भी गिर गए. इसके बाद भीड़ इस कदर उमड़ी कि नीचे गिरे लोगों को रौंदते हुए गुजर गई.

Read More: कौन हैं भोले बाबा?जिनके सत्संग में चली गई भोले-भाले 120 से अधिक श्रद्धालुओं की जान

प्रत्यक्षदर्शी महिला राजनश्री ने क्या कहा ?

दूसरी प्रत्यक्षदर्शी महिला राजनश्री का कहना है कि भीड़ का धक्के की शिकार वे भी हुई लेकिन वहां मौजूद एक वालंटियर ने संभाल लिया. जिस कारण वे आज बच गई. उन्होंने बताया कि हमारे सामने एक बच्चा भीड़ के पैरों के नीचे आ गया..उसी को उठाने के लिए कुछ लोग नीचे बैठे और वह सभी भी उसी भगदड़ में दब गए. उनके गांव से 35 महिलाएं सत्संग में आईं थी. इनमें से कई महिलाओं के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है.

हादसे के बाद प्रियजनों की तलाश में जुटे लोग

हादसे के बाद प्रियजनों की तलाश में जुटे लोग

बताते चले कि हादसे के बाद, लोग अपने प्रियजनों को ढूंढते नजर आए. कासगंज की गुड्डो देवी ने बताया कि उनकी 20 वर्षीय बेटी प्रियंका भीड़ में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो गई थी और अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दी गई.

Read More: दाने-दाने को तरसे …Jasprit Bumrah के पड़ोसी ने बताई उनकी दर्दनाक कहानी

कौन है भोले बाबा?

कौन है भोले बाबा?

सूरजपाल, जो नारायण साकार विश्व हरि (Narayan Saakar Vishwa Hari) (भोले बाबा) के नाम से जाने जाते हैं, ने पुलिस की नौकरी छोड़कर सत्संग करना शुरू किया था. वह पुलिस की वर्दी में ही प्रवचन देते थे. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर सत्संग का काम शुरू किया और बड़ी संख्या में अनुयायी बनाए. बाबा के अनुयायी मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं और सत्संग में व्यवस्था संभालने के लिए यूनीफार्म में आते हैं.

लाशों को उठाते समय सिपाही की मौत

लाशों को उठाते समय सिपाही की मौत

एटा के सिपाही रजनेश, जो घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर थे, लाशों को उठाते समय दिल का दौरा पड़ने से मौके पर ही मृत्यु हो गई. इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में गहरा असर छोड़ा है और कई परिवारों को अपार दुख सहना पड़ा है. राज्य सरकार इस मामले की जांच में जुटी है और दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया है.

Read More: UP Cabinet की बैठक: सुरक्षा गार्ड और शिक्षकों का मानदेय बढ़ा

Share This Article
Exit mobile version