फरीदाबाद के पाश इलाके की हालत स्लम बस्तियों से भी हुई बदत्तर ..

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

फरीदाबाद संवाददाता : मनोज सूर्यवंशी

फरीदाबाद : बलम बस्तियों और घनी आबादी वाली कॉलोनियों में आमतौर पर सीवर ओवरफ्लो की समस्या होना आम बात है लेकिन अब स्मार्ट सिटी के पाश इलाके भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। महंगी जमीनों और करोड़ों के मकानों में रहने वाले लोग अब सीवर ओवरफ्लो की समस्या से बुरी तरह से प्रभावित नजर आ रहे हैं।

आलम यह है कि लोग अपने घरों से बाहर ही नहीं निकाल सकते और उनके बच्चे खेलकूद करने की बजाय अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। मामला एनआईटी पांच नंबर के महंगे पाश इलाके का है जहां लंबे समय से लोग अपने घरों के आगे बह रहे सीवर के पानी से आजिज आ चुके हैं। अब लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर 2 दिन के अंदर समस्या का हल नहीं हुआ तो वह नगर निगम मुख्यालय चौक को जाम करेंगे।

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घरों में घुसा गंदी नालियों का पानी

दिखाई दे रही यह तस्वीर किसी सनम बस्ती की नहीं है बल्कि एनआईटी पांच नंबर के महंगे पाश इलाके ए ब्लाक की है जहां पिछले कई महीनों से बार-बार सीवर ओवरफ्लो हो जाता है और गंदा पानी घरों के आगे बहने लगता है जिसके चलते लोग अपने घर के गेट के ऊपर भी खड़े नहीं हो सकते यहां तक कि खेलकूद की उम्र वाले बच्चे अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। आलम यह है कि बहरे जी भर के पानी में कीड़े पैदा हो गए हैं और मक्खी मच्छरों की भरमार के चलते टाइफाइड जैसे बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

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स्थानीय लोगों ने कही ये बात

स्थानीय महिला और पुरुषों ने बताया कि इतने महंगे इलाके में घर खरीद कर रहने के बावजूद उनके हालात सनम बस्तियों से भी बदतर बने हुए हैं। उनका कहना था कि वह अपने घर से निकल भी नहीं सकते और अब तक इस गंदे पानी में गिर कर आए दिन यहां के लोग चोटिल हो रहे हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारी शिकायत करने के बावजूद संजीदा नहीं है। कुछ समय के लिए गंदा पानी निकाल दिया जाता है जो फिर अगले दिन इसी तरह बहने लगता है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उनके बच्चे साइकिल तक नहीं चला पा रहे हैं।

लोगों का कहना था कि यदि 2 दिन के अंदर अब इस समस्या से स्थाई निजात नहीं मिली तो वह नगर निगम मुख्यालय के बाहर महिलाओं और बच्चों सहित धरने पर बैठ जाएंगे लेकिन यह नारकीय जीवन उन्हें मंजूर नहीं। इलाके का हाल यह है कि आज इस एरिया में रहने वाले स्ट्रीट डॉग भी इस इलाके को छोड़कर कहीं और चले गए हैं इंसानों की बात तो छोड़े।

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